उद्धव बोले ‘महाराष्ट्र में लागू नहीं होगा NRC, इससे मुस्लिमो को ही नहीं हिंदूओं को भी होगी दिक्क्त’
नई दिल्ली। महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी सरकार के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि उनकी सरकार महाराष्ट्र में एनआरसी लागू नहीं करेगी। क्यों कि एनआरसी में सिर्फ मुसलमानो को ही नहीं बल्कि बल्कि हिन्दुओं को भी अपनी नागरिकता साबित करने में मुश्किलें आएँगी।
शिवसेना के मुखपत्र सामना को दिए एक इंटरव्यू में उद्धव ठाकरे ने कहा कि ‘नागरिकता संशोधन कानून के तहत किसी को भी देश से बाहर नहीं निकाला जा सकता।’
उन्होंने भाजपा का साथ छोड़कर कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस से हाथ मिलाकर सरकार बनाने को लेकर कहा है कि मैंने भाजपा से चांद-तारे नहीं मांगे थे। ठाकरे ने कहा, ‘मैंने क्या मांगा था भाजपा से? जो तय था वही न! मैंने उनसे चांद-तारे मांगे थे क्या?’
उन्होंने कहा, ‘भाजपा अगर दिए गए वादों को निभाती तो मैं मुख्यमंत्री पद पर दिखाई नहीं देता। कोई शिवसैनिक वहां पर विराजमान हुआ होता। लेकिन ये उस दिशा में उठाया गया पहला कदम है!’
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना ने गठबंधन करके विधानसभा चुनाव लड़ा था लेकिन मुख्यमंत्री पद पर शिवसेना द्वारा रखी गई 50-50 की शर्त को लेकर दोनों पार्टियों के बीच मतभेदों की खाई और गहरी होती चली गई।
इस बीच बीजेपी को सत्ता से बाहर रखने की कवायद के तहत एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार एक्टिव हुए और उन्होंने कांग्रेस को महाराष्ट्र में एनसीपी-कांग्रेस के समर्थन से नई सरकार बनवाने के लिए तैयार किया। कई दिनों तक चली उठापटक के बीच एनसीपी के नेता विधायक दल अजित पवार कुछ विधायकों के नाम की लिस्ट लेकर बीजेपी खेमे में चले गए। यह उस समय की बात है जब राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जा चूका था।
आनन फानन में बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस को राज्य के मुख्यमंत्री और अजित पवार को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई लेकिन अब मामला बहुमत साबित करने का था।
इस बीच एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना ने अपने विधायकों को होटलो में इकट्ठा करना शुरू कर दिया। अंततः बीजेपी के पास बहुमत का कोई ऑप्शन नहीं बचा और देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार को इस्तीफा देने को मजबूर होना पड़ा और बड़े नाटकीय ढंग से अजित पवार की एनसीपी में वापसी हो गई। अंत में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने सरकार बनाने के लिए शिवसेना को आमंत्रित किया।