बदल रही जम्मू कश्मीर की राजनीति, बीजेपी के खिलाफ एक प्लेटफॉर्म पर आ रही पार्टियां
नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के मुद्दे पर अब राज्य की राजनीति तेजी से बदल रही है। नज़रबंदी के बाद रिहा हुए तीन पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला, महबूबा मुफ़्ती और उमर अब्दुल्ला लगातार आपस में मंत्रणा कर रहे हैं और माना जा रहा है कि अब सभी गैर बीजेपी दल एक प्लेटफॉर्म पर आने के लिए तैयार हो चुके हैं।
राज्य के दो प्रमुख राजनैतिक दल पीडीपी और नेशनल कांफ्रेंस भविष्य की राजनीति के लिए कोंग्रेस से हाथ मिलाने को तैयार दिख रहे हैं। खुद पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने ऐसे संकेत दिए हैं।
यही कारण है कि पीपुल्स एलायंस फॉर गुपकार डिक्लरेशन ने राज्य में 28 नवंबर से होने वाले आगामी डीडीसी (जिला विकास परिषद) चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। फारूक अब्दुल्ला ने सोमवार को कहा कि गुपकार डिक्लरेशन के तहत पार्टियां साझे रूप से चुनाव लड़ेंगी लेकिन, एलायंस की सभी पार्टियों को एक चुनाव चिह्न नहीं मिल सकता, इसलिए चुनाव निशान सभी पार्टियों का अपना ही होगा और उम्मीदवार साझा होगा।
फारूक अब्दुल्ला ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि ‘हम गैंग नहीं हैं, बल्कि पार्टियों का गठबंधन हैं. जो लोग हमें गैंग बुलाते हैं, वे सबसे बड़े डकैत हैं और सबको गैंग के रूप में देखते हैं।’
गौरतलब है कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर ने राज्य में जिला विकास परिषद चुनाव के साथ पंचायत और नगरपालिका उपचुनाव का ऐलान किया है। ये चुनाव राज्य में आठ चरणों में कराए जाएंगे। चुनावो के लिए पहली अधिसूचना जारी हो चुकी है। डीडीसी चुनाव 28 नवंबर से 22 दिसंबर तक आठ चरणों में होंगे।