शाहीन बाग़ की महिलाओं ने कहा ‘कोरोना का नहीं है डर, सीएए वापस होने तक जारी रहेगा आंदोलन’
नई दिल्ली। दिल्ली के शाहीन बाग़ में पिछले ढाई महीने से चल रहे नागरिकता कानून (सीएए) विरोधी प्रदर्शन में महिलाओं की तादाद बताती है कि उन्हें कोरोना वायरस का कोई खौफ नहीं है।
शुक्रवार शाम को प्रदर्शनकारियों द्वारा आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में प्रदर्शनकारी महिलाओं ने कहा कि हमे कोरोना वायरस का खौफ न दिखाया जाए, हम सीएए वापस होने तक यहीं डंटे रहेंगे और आंदोलन जारी रहेगा।
प्रदर्शनकारियों ने प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए दिल्ली दंगो के दौरान गिरफ्तार किये गए दो हज़ार से अधिक युवाओं को लेकर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि पुलिस ने दिल्ली के मौजपुर तथा अन्य इलाको से दो हज़ार से अधिक मुस्लिम युवको को उठाया है, दिल्ली पुलिस उनके बारे में जानकारी दे कि आखिर ये युवा कहाँ हैं।
इतना ही नहीं प्रदर्शनकारी महिलाओं ने गृहमंत्री अमित शाह से जामिया हिंसा मामले में सीसीटीवी फुटेज की जांच के मांग की है। प्रदर्शनकारी महिलाओं ने कहा कि दिल्ली में हिंसा भड़काने के आरोप में कपिल मिश्रा और अनुराग ठाकुर के खिलाफ तुरंत एफआईआर दर्ज कर आगे की कार्रवाही की जानी चाहिए।
नागरिकता कानून को लेकर गृहमंत्री अमित शाह द्वारा दिए गए बयान को लेकर प्रदर्शनकारियों ने कहा कि अमित शाह यह झूठ बोलते हैं कि इस कानून के तहत किसी की नागरिकता नहीं ली जाएगी जबकि यह कानून मुसलमानों की नागरिकता छीनने के लिए बनाया गया है।
प्रदर्शनकारी महिलाओं ने कहा कि दिल्ली दंगो की निष्पक्ष जांच की जानी चाहिए साथ ही पुलिस द्वारा गिरफ्तार किये गए निर्दोष लोगों को तुरंत रिहा किया जाए तथा पीड़ित लोगों को उचित मुआवजा और मदद मिलनी चाहिए।
गौरतलब है कि नागरिकता कानून,एनपीआर और एनआरसी के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग़ में पिछले वर्ष 15 दिसंबर 2019 से विरोध प्रदर्शन जारी है।
देशभर में कोरोना वायरस को लेकर जारी किये गए अलर्ट के बावजूद शाहीन बाग़ की महिलाओं के हौसलों में किसी तरह की कमी दिखाई नहीं दे रही और प्रदर्शनकारी महिलाओं ने कहा है कि उन्हें कोरोना वायरस का खौफ नहीं है वे नागरिकता कानून वापस होने तक अपनी लड़ाई जारी रखेंगी।