कोटा से रईसों के बच्चो के लिए बस भेजने पर नीतीश ने उठाये सवाल, कहा ‘गरीबो से भेदभाव क्यों’
पटना। कोटा के प्रीमियम कोचिंग सेंटरो में इंजीनियरिंग और एमबीबीएस की कोचिंग कर रहे बच्चो के लॉकडाउन में फंसने पर उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उन्हें लेने यूपी रोडवेज की 200 से कहीं अधिक बसें भेजी गईं हैं।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस पर सवाल उठाया है। नीतीश कुमार ने इसे गरीबो के साथ भेदभाव बताते हुए कहा कि ‘कोटा में पढ़ने वाले छात्र संपन्न परिवार से आते हैं। अधिकतर अभिभावक अपने बच्चों को साथ रहते हैं, फिर उन्हें क्या दिक्कत है।’
उन्होंने कहा कि ‘जो गरीब अपने परिवार से दूर बिहार के बाहर हैं फिर तो उन्हें भी बुलाया जाना चाहिए। लॉकडाउन के बीच मे किसी को बुलाना नाइंसाफी है। इसी तरह मार्च के अंत में भी मजदूरों को दिल्ली से रवाना कर लॉकडाउन को को तोड़ा गया था।’
गौरतलब है कि इससे पहले बिहार के हज़ारो प्रवासी मजदूरों और छात्रों के अन्य राज्यों में फंसे होने को लेकर नीतीश कुमार ने लॉकडाउन का पालन करने की नसीहत दी थी। नीतीश कुमार ने कहा था जो जहाँ हैं, वह लॉक डाउन खुलने तक वहीँ रहे और लॉकडाउन का पालन करे।
हालाँकि नीतीश कुमार ने मदद के तौर पर मजदूरों के खाते में पैसे डालने की बात भी कही थी। उन्होंने कहा था कि लॉकडाउन में फंसे लोगों को राहत पहुंचाने के लिए बिहार सरकार उन राज्य सरकारों से समन्वय बनाकर उनकी मदद करने की कोशिश कर रही है।