विवादित नक़्शे पर नेपाल के ऊपरी सदन ने भी दी संविधान में संशोधन की मंजूरी
काठमांडू। नेपाल की संसद के बाद ऊपरी सदन ने भी संविधान में संशोधन को मंजूरी दे दिया है। अब यह विधेयक राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। नेपाल ने पिछले हफ्ते ही संसद के निचले सदन में नक्शे में संशोधन से जुड़ा बिल कराया था और आज उपरी सदन में भी इसे मंजूरी मिल गयी।
संविधान में यह प्रस्तावित संशोधन उस विवादित नक़्शे से जुड़ा है, जिसमे भारत के कुछ हिस्सों को नेपाल अपना बता रहा है। इस नक़्शे में उत्तराखंड के लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा को नेपाल का हिस्सा बताया गया है।
भारत इस नक़्शे को लेकर विरोध जता चुका है लेकिन भारत के विरोध को दरकिनार रखते हुए नेपाल ने अपनी संसद और उच्च सदन में संविधान में संशोधन का बिल पास कर अब उसे राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा है।
नेपाल की नेशनल असेंबली में सत्ताधारी नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के संसदीय दल के नेता दीनानाथ शर्मा ने कहा कि भारत ने लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा पर अवैध रूप से कब्जा किया है और उसे नेपाली जमीन को लौटा देना चाहिए।
गौरतलब है कि 8 मई को भारत की तरफ से उत्तराखंड के लिपुलेख से कैलाश मानसरोवर के लिए सड़क का उद्घाटन किया गया था। इसको लेकर नेपाल की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। सड़क के उद्घाटन के बाद से ही नेपाल सरकार ने इसे विवादित बताना शुरू कर दिया था। जिसके बाद नेपाल सरकार ने नया राजनीतिक नक्शा जारी करने का फैसला किया था।
वहीँ कहा जा रहा है कि नेपाल चीन की शह पर चल रहा है और चीन के कहने पर ही उसने विवादित नक़्शे को लेकर नया दावा किया है। इसमें उत्तराखण्ड के तीन इलाको को नेपाल ने अपना बताते हुए भारत पर कब्जा करने का आरोप लगाया है।