अनलॉक के बावजूद जीडीपी में 7.5 फीसदी की गिरावट, राजकोषीय घाटा भी बढ़ा
नई दिल्ली। शुक्रवार दूसरी तिमाही जुलाई से सितंबर के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) दर के आंकड़े जारी किए गए हैं। जुलाई-सितंबर तिमाही में जीडीपी में 7.5 फीसदी की गिरवाट आ गई है। जबकि पहली तिमाही में जीडीपी -23.9 फीसदी गिर गई थी।
सरकार की तरफ से लगातार दावा किया जा रहा था कि अनलॉक प्रक्रिया शुरू होने के बाद अर्थव्यवस्था पटरी पर वापस लौट रही है लेकिन इसके बावजूद कोई बड़ा परिवर्तन नज़र नहीं आ रहा।
वहीँ कोरोना की उतपत्ति वाला देश कहे जाने चीन की जुलाई-सितंबर में अर्थव्यवस्था 4.9 प्रतिशत बढ़ोतरी देखी गई है, जबकि अप्रैल-जून 2020 में 3.2 प्रतिशत की वृद्धि से दर्ज की गई थी।
भारत के अलावा ब्रिटेन, जापान, अमेरिका, इटली, फ्रांस, जर्मनी की इकोनॉमी भी दूसरी तिमाही में निगेटिव जोन में है लेकिन ब्रिटेन के बाद भारत की जीडीपी अब भी सबसे बुरे दौर में है।
राजकोषीय घटा बढ़ा:
चालू वित्त वर्ष में अक्टूबर के अंत तक केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा बढ़कर 9.53 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया जो सालाना बजट अनुमान का करीब 120 प्रतिशत है। इकोनॉमी के लिए ये सही संकेत नहीं हैं। मुख्य रूप से राजस्व संग्रह कम रहने से घाटा बढ़ा है। चालू वित्त वर्ष के बजट में 2020-21 के लिये राजकोषीय घाटा 7.96 लाख करोड़ रुपये या जीडीपी का 3.5 प्रतिशत रहने का अनुमान रखा गया है।
बेरोजगारी दर के आंकड़े:
हाल के आंकड़ों के मुताबिक देश की बेरोजगारी दर 22 नवंबर को समाप्त सप्ताह में बढ़कर 7.8 फीसदी पर पहुंच गई है। वहीं 25 अक्टूबर के बाद लगातार चौथे हफ्ते ऐप्लॉयमेंट रेट में गिरावट दर्ज की गई है। गौरतलब है कि अक्टूबर में देश में बेरोजगारी दर बढ़कर 6.98 फीसदी थी जबकि सितंबर में यह आंकड़ा 6.67 फीसदी था।
कहां ग्रोथ:
कोल: 11.6%
सीमेंट: 2.8%
इलेक्ट्रिसिटी: 10.5%
फर्टिलाइजर्स: 6.3%
कहां गिरावट:
क्रूड आयल: – 6.2%
नेचुरल गैस: – 8.6%
रिफाइनरी प्रोडक्ट्स: – 17.0%
स्टील: – 2.7%