महाराष्ट्र: नई सरकार का खाका तैयार, एनसीपी- कांग्रेस और शिवसेना के बीच हुई बैठक

मुंबई। महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन के बाद भी राजनैतिक सरगर्मियां तेजी पर हैं। राज्य में सरकार बनाने के लिए एड़ी-चोटी कर रही शिवसेना ने विपक्षी दलों एनसीपी और कांग्रेस की मांग पर सरकार चलाने के लिए कॉमन मिनिमम प्रोग्राम तैयार कर लिया है।
कौमन मिनिमम प्रोग्राम पर एक राय कायम करने के लिए मुंबई में शिवसेना और कांग्रेस-एनसीपी नेताओं की एक बैठक हुई। इस बैठक में शिवसेना, एनसीपी और महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने भाग लिया।
सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में महाराष्ट्र में गैर भाजपा सरकार बनाने के सभी विकल्पों पर बातचीत हुई। इतना ही नहीं महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगने के बाद की स्थितियों का आंकलन भी किया गया।
सूत्रों ने कहा कि शिवसेना और एनसीपी-कांग्रेस के बीच सरकार बनाने के सभी मसौदे तय हो गए हैं। अब जल्द ही आगे की कार्रवाही को अंजाम दिया जाएगा। जल्द ही शिवसेना-कांग्रेस और एनसीपी का एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात कर उन्हें नई सरकार में शामिल होने वाले तीनो दलों के सदस्यों की लिस्ट सौंपी जायेगी।
वहीँ इससे पहले मंगलवार देर रात को कांग्रेस नेता अहमद पटेल और शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे के बीच हुई बैठक में भी कॉमन मिनिमम प्रोग्राम को लेकर बात हुई थी।
इससे पहले कल शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने को लेकर बीजेपी पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की पटकथा पहले ही लिखी जा चुकी थी।
गौरतलब है कि शिवसेना को समर्थन के मुद्दे पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, महासचिव वेणुगोपाल और प्रदेश प्रभारी मल्लिकार्जुन खड़के मुंबई पहुंचे थे। उन्होंने एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार के साथ एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस को सम्बोधित करते हुए कहा था कि कॉमन मिनिमम प्रोग्राम देखने के बाद ही अगला कदम उठाया जायेगा।
कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने कहा था कि कल कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्षा का शिवसेना की तरफ से पहली बार आधिकारिक तौर पर फोन किया गया था लेकिन यह गठबंधन के दूसरे दल से बात किए बिना तय नहीं किया जा सकता था।
अहमद पटेल ने कहा कि पहले हमारी बात हो जाए, सारी बातें क्लियर हो जाएं। तब हम शिवसेना से भी बात कर लेंगे। एनसीपी से बात के बाद शिवसेना से बातचीत की कोशिश जल्द होगी। न्यूनतम साझा कार्यक्रम के मुद्दों पर स्पष्टीकरण जरूरी है।