सुप्रीमकोर्ट पहुंचा नागरिकता विधेयक, इस पार्टी ने खटखटाया कोर्ट का दरवाज़ा
नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन विधेयक भले ही लोकसभा और राज्यसभा में पास हो गया हो लेकिन अब यह मामला सुप्रीमकोर्ट पहुँच गया है। आल इंडिया मुस्लिम लीग ने नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ सुप्रीमकोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया है।
मुस्लिम लीग ने अपनी याचिका में कहा है कि सरकार द्वारा लाया गया नागरिकता संशोधन विधेयक का मुख्य बिंदु ही भारतीय संविधान के खिलाफ है। यह विधेयक भारत के संविधान के मूल सिद्धांतो को चुनौती देने वाला है।
याचिका में कहा गया है कि धर्म के आधार पर नागरिकता नहीं दी जा सकती है। उसने अदालत से विधेयक को असंवैधानिक करार देते हुए रद्द करने की मांग की है। मुस्लिम लीग का आरोप है कि शरणार्थियों को धर्म के आधार पर नागरिकता प्रदान करने का उल्लेख किये जाने से संविधान के मौलिक स्तंभों को खत्म किया जा रहा है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और वकील कपिल सिब्बल मुस्लिम लीग की ओर सुप्रीम कोर्ट में केस लड़ेंगे। वहीँ माना जा रहा है कि नागरिकता संशोधन विधेयक को चुनौती देने के लिए अभी कुछ अन्य पार्टियां भी सुप्रीमकोर्ट का रुख कर सकती हैं।
वहीँ जानकारी के मुताबिक कुछ सामाजिक संगठन भी नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं। इससे पहले कल राज्य सभा में आठ घंटे की बहस के बाद आख़िरकार सरकार नागरिकता संशोधन विधेयक पास कराने में सफल होगई है। इस विधेयक के पास होने के साथ ही पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान जैसे देशों के अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता मिलने का रास्ता साफ हो गया है।
इस विधेयक में दूसरे देशों में रहने वाले हिंदू, जैन, सिख, ईसाई, पारसी, बौद्ध समेत छह धर्मों के नागरिकों को शामिल किया गया है। विधेयक के पक्ष में 117 और विपक्ष में 92 वोट पड़े। राज्यसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पास होने के बाद इस पर अंतिम मुहर के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भेजा गया है।