130 भारतीय हस्तियों ने बयान जारी कर फ़्रांस हमलो की निंदा की

130 भारतीय हस्तियों ने बयान जारी कर फ़्रांस हमलो की निंदा की

नई दिल्ली। फ़्रांस में हाल ही में हुई घटनाओं को लेकर भारत की 130 जानीमानी हस्तियों ने बयान जारी कर हमलो की निंदा की है। इन हस्तियों में फिल्म अभिनेता नसीरुद्दीन शाह, गीतकार जावेद अख्तर, फिल्म अभिनेत्री शबाना आज़मी, सुप्रीमकोर्ट के अधिवक्ता प्रशांत भूषण, फिल्म अभिनेत्री स्वरा भास्कर और लेखर तुषार गांधी शामिल हैं।

जारी किये गए बयान में फ़्रांस में हुई ताजा घटनाओं की निंदा की गई है फ्रांस के दोनों हमलावरों को विश्वास के नाम पर कट्टरपंथी करार दिया गया है। बयान में कहा गया है कि किसी भी तरह की हिंसा या अपराध को प्रेरित नहीं किया जा सकता। बयान में देश की नामी हस्तियों ने कहा कि हम हत्या को तर्कसंगत बनाने में भारतीय मुसलमानों के कुछ स्वयंभू लोगों से काफी परेशान हैं।

बयान में कुछ मुस्लिम धार्मिक और राजनीतिक नेताओं के जरिए दिए गए अपमानजनक बयानों को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने फ्रांस में भीषण हत्याओं को तर्कसंगत होने की बात कही थी।

बयान में कहा गया है कि हम मुस्लिम आस्था के लिए फ्रांसीसी परिषद के साथ एकजुटता में खड़े हैं और फ़्रांस में हुए हमलो की कड़ी निंदा करते हैं। ऐसी घटनाओं को किसी भी रूप में सराहा नहीं जा सकता।

मुनव्वर राणा ने दी अपने बयान पर सफाई:

प्रख्यात शायर मुनव्वर राणा ने फ़्रांस के कार्टून बनाने वाले शिक्षक की हत्या को लेकर दिए गए अपने बयान पर सफाई दी है। एक न्यूज़ चैनल से बात करते हुए मुनव्वर राणा ने कहा कि मैं फ़्रांस हिंसा को जायज नहीं ठहराया। उन्होंने कहा कि मेरी बात को लोग समझ नहीं पाते तो उसका अर्थ दूसरे तौर पर निकाल लेते हैं।

मुनव्वर राणा ने कहा कि मजहब एक खतरनाक खेल है और इससे इंसानों को दूर रहना चाहिए। टीचर जो अध्यापक है जिनका काम पढ़ाना है वह मोहम्मद साहब का कार्टून बनाकर क्यों दिखाएगा। उसे तो सिर्फ मोहम्मद साहब से दिक्कत है।

मुनव्वर राणा ने प्रसिद्ध पेंटर मकबूल फ़िदा हुसैन का उदाहरण देते हुए कहा कि मकबूल फिदा हुसैन को देश छोड़कर इसलिए भागना पड़ा क्योंकि उन्होंने हिंदू मजहब से छेड़छाड़ की थी। नतीजे के तौर पर अपनी जान बचाकर देश छोड़ नहीं भागते तो उन्हें अपनी जान गंवानी पड़ती। वो यहां से चले और 90 साल के बूढ़े आदमी को गैर मुल्क में दम तोड़ा।

फ़्रांस की घटना को लेकर मुनव्वर राणा ने कहा कि यह बुरा हुआ। मजहब के नाम पर पूरी दुनिया में ये रोजाना हो रहा है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद तो आतंकवाद होता है।

कार्टून मामले में उन्होंने कहा कि मुसलमानों को चिढ़ाने के लिए ऐसा कार्टून बनाया गया। दुनिया में हजारों बरस से ऑनर किलिंग होती है, अखलाक मामले में क्या हुआ, लेकिन तब किसी को तकलीफ नहीं हुई। किसी तो इतना मजबूर न करो कि वो कत्ल करने पर मजबूर हो जाए।

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TeamDigital