गोटमार मेले में सौ से अधिक घायल, समझौते पर पहुंचा प्लास का झंडा माता के दरबार

गोटमार मेले में सौ से अधिक घायल, समझौते पर पहुंचा प्लास का झंडा माता के दरबार

पांढुर्ना(गुड़डू कावले): विश्व में अनोखी परंपरा और पुरानी मान्यताओं पर आधारित सदियों से चले आ रहे गोटमार मेले के आयोजन को कोरोना महामारी के बावजूद प्रशासन आयोजन को रोक न सका।

कोरोना महामारी को ध्यान में रखकर प्रशासन ने गोटमार मेले के सांकेतिक रूप से आयोजन की अनुमति दी थी परंतु लोगों ने प्रशासन की एक नहीं चलने दी। नतीजतन प्रशासन की मौजूदगी के बावजूद सावरगांव पक्ष के लोगों ने हमेशा की तरह पलाश के झंडे को जाम नदी की पुलिया पर लाकर बांध दिया। जिसके बाद पूजा अर्चना कर गोटमार खेल शुरू कर दिया गया।

मेले में दोनों पक्ष में हुई पत्थरबाजी में लगभग 5 लोग गंभीर हालत में घायल हुए हैं। जिन्हे जिला अस्पताल और महाराष्ट्र के नागपुर वरुण लाइलाज के लिये भर्ती कराया गया है।

बुधवार को सुबह करीब नौ बजे सावरगांव प्लास के झंडे को लोगो ने जाम नदी के पुलिया पर लगी रेलिंग से बांध दिया और पत्थरबाजी शुरू कर दी। इस दौरान करीब दो घंटे पत्थरबाजी चलती रही। दोपहर बाद गोटमार मेला स्थल पर पांढुर्ना और सावरगांव दोनों ओर बड़ी संख्या में लोग की भीड़ जमा रही और खिलाड़ी पत्थरबाजी करते रहे।

निरंतर पत्थरबाजी में दोनों पक्ष के लगभग 95 से अधिक लोग घायल हुए। इस बार प्रशासन के रिकार्ड में मेडिकल कैप की व्यवस्था थी परन्तु हमेशा की तरह मेले में चिह्नित जगह पर लोगो को मेडिकल की कोई सुविधा नही मिली। घायल लोग खून में लहू लुहान होकर इलाज के लिये इधर उधर भटकते रहे। इस बीच कई लोगों ने निजी क्लीनिकों में इलाज कराया।

समझौते पर झंडा पहुचा माता के दरबार:

लगभग 6 बजे सावरगांव के लोगो ने पांढुर्ना के लोगो के साथ समझौता कर पुरानी मान्यता के साथ प्लास के झंडे को छोड़कर पांढुर्ना पक्ष के लोगो को सौप दिया। जिसके बाद सैकड़ो की भीड़ में उपस्थित लोगों ने झंडे को माँ चण्डिका के नारे लगा कर माँ चण्डिका मंदिर पहुचाया। जहाँ झंडे की पूजा अर्चना कर महा आरती कर मेले को संपन्न किया।

कोविट19 के दौर में लोगो मे माँ के दरबार मे माथा टेका:

प्रशासन ने कोरोना संक्रमण को दृष्टीगत रखते हुए मेला आयोजन और मां चंडीका के दरबार में भी दर्शन पर रोक लगाई थी लेकिन बुधवार को बड़ी संख्या में लोगों ने मां चंडीका के दरबार में पहुंचकर माथा टेका। वहीँ दूसरी तरफ गोटमार स्थल पर जमकर पत्थरबाजी चलती रही। प्रशासन दिन भर एक्शन मोड़ पर डटा रहा, परन्तु शहर के लोग उत्साह और जोश के साथ मेला स्थल पर आखरी समय तक जमे रहे।

लोगों का पुलिस पर भड़का आक्रोश, भाग निकली पुलिस की टुकड़ी:

गोटमार मेले में दोपहर के समय गुजरी चौक में तैनात पुलिस टुकड़ी पर लोगों ने जमकर पत्थर बरसाये लोगों का आक्रोश देख पुलिस को गुजरी चौक के वाचनालय और सामुदायिक भवन से भाग निकली। जिसके बाद पुलिसदल में तैनात पुलिसकर्मी राम धक्के पहुचे।

बताया जाता है कि पुलिस वज्र वाहन से गुजरी चौक स्थित गरीब लोगों की दुकानें के सामने बने शेड क्षतिग्रस्त हुए और प्रशासन की ओर से मेले में घायल लोगो के लिये मेडिकल सुविधा न होने की स्थिति में घुसा आई। भीड़ ने पुलिस को अपना निशाना बनाया, जिसके बाद कुछ देरी के लिये माहौल बिगड़ गया।लोगों ने पुलिस पर पथराव कर उन्हें गुजरी चौक पर पथराव किया, जिसमे पुलिस का वज्र वाहन क्षतिग्रस्त होना बताया जा रहा है।

मेले की झलकियां:


1)पांढुर्ना पक्ष के लोग माँ चण्डिका दरबार मे झंडा लेजाते

2)झमाझम बरसे पत्थरो से घायल लोगो को अस्पताल लेजाते हुये लोग

3)गभीर रूप से घायल युवक को जिला अस्पलात छिंदवाड़ा किया रेफर

4)सुबह 9 बजे सावरगांव पक्ष के लोगो ने जाम नदी की पुलिया पर स्थापित करते हुये लोगो की भीड़

5)गोटमार मेले के आयोजन की जानकारी लेते हुए जिला कलेक्टर सौरभ सुमन, जिला पुलिस अधीक्षक विवेक अग्रवाल एसडीएम सुश्री मेघा शर्मा

6) गुजरी चौक स्थित वज्र वाहन पुलिस बल की तैनाती

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