वक्फ को बर्बाद करना चाहती है मोदी सरकार: ओवैसी

नई दिल्ली। वक्फ संशोधन अधिनियम पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम आदेश जारी करते हुए केंद्र सरकार से 7 दिन में जवाब मांगा है।
गुरुवार को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि जवाब दाखिल करने तक केंद्रीय वक्फ परिषद और वक्फ बोर्ड में कोई भी नियुक्ति नहीं की जाएगी।
वक्फ अधिनियम के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई हैं। इनमें से एक याचिका ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमों (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी द्वारा भी दायर की गई है।
इस बीच AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि केंद्र सरकार वक्फ को कमजोर करने की कोशिश कर रही है, जो संघवाद के विरुद्ध है। यह कानून वक्फ की जमीन को तबाह करने के लिए लाया गया है।
समाचार एजेंसी ANI से बातचीत के दौरान असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि हमारी पार्टी और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) इस काले कानून के खिलाफ डट कर खड़े हैं। यह कानून मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है। हम सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश की समीक्षा कर रहे हैं क्योंकि इसमें 40-45 संशोधनों का जिक्र है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार संघवाद के ढांचे के विरुद्ध जाकर वक्फ को कमजोर करने की कोशिश कर रही है। इसके लिए कानून में कई धाराएं जोड़ी गई हैं। वक्फ कानून के खिलाफ हमारी कानूनी लड़ाई और प्रदर्शन जारी रहेगा। यह कानून वक्फ को बचाने के लिए नहीं बल्कि बर्बाद करने के लिए लाया गया है।