किसानो से सम्मान निधि का पैसा वापस मांग रही मोदी सरकार
नई दिल्ली। कांग्रेस ने गुरुवार को केंद्र सरकार को एक बार फिर कटघरे में खड़ा करते हुए आरोप लगाया कि केंद्र सरकार किसानो से किसान सम्मान निधि का पैसा वापस ले रही है। पार्टी ने कहा कि किसानो से सम्मान निधि का पैसा वापस लेते की प्रक्रिया तत्काल रोकी जानी चाहिए।
कांग्रेस प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह ने आज प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि किसानो से किसान सम्मान निधि का पैसा वापस बसूले जाने की मोदी सरकार की कार्रवाही से किसान सम्मान निधि के बजाय, किसान अपमान निधि बन गया है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि किसान सम्मान निधि पाए किसानो में से अब केंद्र सरकार अपात्र लोगों की सूची बना रही है और उनसे किसान सम्मान निधि वापस मांग रही है। उन्होंने कहा कि जो सरकार अपने मित्र उद्योगपतियों का लाखों करोड़ रुपया कर्ज माफ कर रही है, वो देश के गरीब अन्नदाता से किसान हित का पैसा वापस ले रही है।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि 2019 में मोदी सरकार ने जब यह किसान सम्मान निधि शुरु की थी, लोकसभा चुनाव में इसे चढ़ा बढ़ा कर देश की जनता के समक्ष रखा था। किसान निधि के तहत किसानो को प्रतिमाह 500 रुपये दिए जाने को लेकर केंद्र सरकार ने खुद को किसानो का बड़ा हितेषी होने का दावा किया था।
उन्होंने कहा कि पहले केन्द्र सरकार ने आनन-फानन में किसानों का बैंक अकाउंट नंबर लेकर चुनाव से पहले उनको पैसे पहुंच जाएं और किसानों को किसान सम्मान निधि की पहली किस्त पहुंचा दी गई। अब केन्द्र सरकार कह रही है कि जो लोग इसके पात्र नहीं हैं और उन्होंने किसान सम्मान निधि प्राप्त की है, वो प्राप्त पैसा किसान वापस करें।
अखिलेश प्रताप सिंह ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार किसानों को पैसे वापस करने के लिए नोटिसेज़ भी भेज रही है। पूरे देश में लगभग दो करोड़ किसानों को अपात्र बताकर किसानों से वसूली करने की प्रक्रिया को तत्काल रोका जाए।
इतना ही नहीं कांग्रेस ने प्रदेश की योगी सरकार पर भी निशाना साधा। पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि 2022 के विधानसभा चुनाव के पहले उत्तर प्रदेश सरकार ने मतों को प्रभावित करने के लिए पात्र कार्डधारकों को मुफ्त खाद्यान्न योजना शुरु की थी, जो अब उत्तर प्रदेश सरकार ने बंद कर दी है। यानि कि मतलब निकल गया, वोट ले लिया, तो अब मुफ्त का राशन भी बंद।