मोदी सरकार के इस फैसले से महंगे हो जाएंगे मोबाईल फोन
नई दिल्ली। जीएसटी काउंसिल की बैठक में शनिवार को मोबाइल और विशेष कलपुर्जों पर लगने वाले जीएसटी को 12 फीसदी से बढ़ाकर 18 फीसदी करने का फैसला लिया है।
जीएसटी बढ़ाने की दर से साफ है कि मोबाइल फोन महंगा होने वाला है। कोरोना के कारण पहले ही इसकी कीमत में तेजी आई है। चीन से सप्लाई प्रभावित होने के कारण ज्यादार ब्रैंड के मोबाइल फोन और इलेक्ट्रॉनिक गजेट्स पहले से ही महंगे हो रहे हैं।
वहीं, दो करोड़ रुपये से कम कारोबार वाली इकाइयों को वित्त वर्ष 2017-18, 2018-19 के लिए वार्षिक रिटर्न भरने में देरी पर विलम्ब-शुल्क माफ कर दिया गया है। 39वीं जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह जानकारी दी।
इसके अलावा हैंडमेड और मशीन से बनाए गए माचिश पर लगने वाले जीएसटी को 12 फीसदी कर दिया गया। इन दोनों ही तरह के प्रोडक्ट्स पर पहले अलग-अलग जीएसटी देना होना था। पहले मशीन से बने माचिश जीएसटी की दर 18 प्रतिशत और हैंड मेड पर 5 फीसदी था। परिषद ने विमानों की रखरखाव, मरम्मत, ओवरहॉल (एमआरओ) सेवाओं पर जीएसटी की दर 18 से घटाकर 5 फीसदी करने का फैसला लिया है।
मोबाइल हैंडसेट और इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग निकाय ने मोबाईल फोन पर जीएसटी दरों में बढ़ोत्तरी पर असहमति ज़ाहिर की है। आईईसीए के अध्यक्ष पंकज मोहिन्द्रू ने वित्त मंत्रालय को लिखे पत्र में कहा कि कोरोनोवायरस प्रकोप के कारण आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान के कारण क्षेत्र पहले से ही गहरे तनाव में है।
उन्होंने पत्र में कहा कि यह मोबाइल फोन के मौजूदा स्तर से जीएसटी दर में 12 प्रतिशत की बढ़ोतरी के लिए बहुत ही अनुचित समय है। 12 मार्च को लिखे पत्र में उन्होंने कहा कि मोबाइल फोन पर जीएसटी में बढ़ोतरी का प्रस्ताव उपभोक्ताओं, व्यापार, उद्योग या राष्ट्र के हित में नहीं है।