पड़ताल: क्या हथिनी की हत्या को हिन्दू-मुस्लिम रंग देना चाहती थी बीजेपी
नई दिल्ली। केरल के पलक्क्ड़ जिले में एक हथिनी को अन्नास में विस्फोटक खिलाकर हत्या किए जाने का मामला अब राजनैतिक मोड़ ले रहा है। बीजेपी ने इस घटना पर अपनी राजनैतिक रोटियां सेकने के लिए इसे हिन्दू मुस्लिम एंगिल देने की कोशिश की है।
वहीँ इस मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी के बयान से राजनीति और गरमा गई है। मेनका गांधी ने इस घटना से पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को लपेटने की कोशिश की। उन्होंने इसकी ज़िम्मेदारी राहुल गांधी पर डालते हुए कहा कि वे उस एरिया से सांसद हैं उन्होंने कोई एक्शन क्यों नहीं लिया ?
Central Government has taken a very serious note of the killing of an elephant in Mallapuram, #Kerala. We will not leave any stone unturned to investigate properly and nab the culprit(s). This is not an Indian culture to feed fire crackers and kill.@moefcc @PIB_India @PIBHindi
— Prakash Javadekar (Modi Ka Parivar) (@PrakashJavdekar) June 4, 2020
वहीँ इस मामले में सबसे बड़ी चूक केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से हुई। यह चूक वाकई में चूक थी या जानबूझकर की गई चूक थी लेकिन प्रकाश जावड़ेकर ने ट्वीट कर हथिनी की मौत से मुस्लिम बाहुल्य जिले मल्लापुरम को जोड़ दिया।
जावड़ेकर ने ट्वीट कर कहा कि केंद्र सरकार ने मल्लापुरम, केरल में एक हाथी की हत्या को बहुत गंभीरता से लिया है। हम सही तरीके से जांच करने और अपराधी को बंद करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। यह पटाखे खिलाने और मारने के लिए भारतीय संस्कृति नहीं है। जावड़ेकर ने अपने ट्वीट में मल्लापुरम लिखा जबकि जिस जिले में हथिनी को विस्फोटक खिलाया गया वह पलक्क्ड़ ज़िले में आता है।
गौरतलब है कि केरल का मल्लापुरम डिस्ट्रिक्ट मुस्लिम बाहुल्य इलाका है। जावड़ेकर के ट्वीट के बाद कई चैनलों से हथिनी की हत्या से मल्लापुरम और मुसलमानो को जोड़ने की कोशिश भी की।
बेज़ुबान जानवर को तो बख्श देते! केरल के मलप्पुरम में खाने की तलाश में जंगल से बाहर आ गई गर्भवती हथिनी के मुँह में पटाखों से भरा अनानास रख दिया गया. बुरी तरह ज़ख़्मी हथिनी की मौत हो गई. ऐसी क्रूरता कोई हैवान ही दिखा सकता है. pic.twitter.com/SAGuAxVzaf
— रोहित सरदाना (@sardanarohit) June 3, 2020
इतना ही नहीं कई चैनलों में हथिनी की हत्या के मामले से मल्लापुरम को जोड़ने की कोशिशों के तहत ख़ास प्रोग्राम भी दिखाए जिसमे मल्लापुरम और मुसलमानो पर ज़्यादा ज़ोर दिया गया।