जो प्रवासी मजदूर जहां हैं, वे वहीं रहेंगे, गृहमंत्रालय ने जारी की गाइडलाइन
नई दिल्ली। लॉकडाउन के चलते कई राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों के लिए अभी किसी राहत के संकेत नहीं हैं और उन्हें अभी जहाँ हैं वहीँ रहना होगा। गृहमंत्रालय द्वारा जारी गाइडलाइन के मुताबिक केंद्र शासित प्रदेशों और राज्यों के बाहर उनकी किसी भी तरह की आवाजाही नहीं होगी।
गृह मंत्रालय की गाइडलाइन में कहा गया है कि ‘राज्य/केंद्र शासित प्रदेश के भीतर फंसे हुए मजदूरों की आवाजाही के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग सिस्टम जारी किया है। इसमें मजदूरों को वर्तमान में जहां रह रहे हैं वहीं रहने के निर्देश दिए गए हैं, साथ ही कहा गया है कि केंद्र शासित प्रदेशों और राज्यों के बाहर उनकी किसी भी तरह की आवाजाही नहीं होगी।
गृह मंत्रालय ने प्रवासी मजदूरों की आवाजाही को लेकर जारी अपने निर्देशों में कहा है कि प्रवासी मजदूर जिन भी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के राहत कैंप या बसेरों में रह रहे हैं उन्हें वहां के स्थानीय प्रशासन द्वारा रजिस्टर किया जाए और उन्हें सही काम उपलब्ध कराने के लिए उनकी कुशलता का परीक्षण किया जाए।
सरकार की ओर से कहा गया है कि जो मजदूर राज्यों में जहां रह रहे हैं और उसी राज्य के अंदर ही अपने काम के स्थान पर जाना चाहते हैं ऐसे में उनकी स्क्रीनिंग की जाएगी। जिनमें कोई लक्षण नहीं हैं उन्हें उनके काम की जगहों पर लेकर जाया जाएगा।
गृहमंत्रालय ने यह भी कहा कि एक राज्य से दूसरे राज्य के बीच मजदूरों की किसी भी तरह की आवाजाही नहीं होगी। मंत्रालय ने यह भी निर्देश दिया है कि बसों द्वारा यात्रा करते समय भी सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा पालन किया जाए और ट्रांसपोर्ट के लिए इस्तेमाल की जा रही बसों की नियमित रूप से साफ सफाई की जाए।
सरकार ने निर्देश दिया है कि मजदूरों की यात्रा के दौरान स्थानीय प्रशासन उनके खाने-पीने की व्यवस्था करेगा। नियमित प्रेस कॉन्फ्रेंस में सरकार की ओर से यह भी कहा गया है कि यदि संभव हो तो बड़े उद्योगों में मजदूरों को परिसर में रहने की ही व्यवस्था की जाए।