महबूबा मुफ़्ती का केंद्र पर निशाना: हमारा इम्तिहान मत लो, सुधर जाओ, संभल जाओ

महबूबा मुफ़्ती का केंद्र पर निशाना: हमारा इम्तिहान मत लो, सुधर जाओ, संभल जाओ

नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी नेता महबूबा मुफ़्ती ने अफगानिस्तान और तालिबान का नाम लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। महबूबा मुफ्ती ने कहा कि अगर जम्मू-कश्मीर पर बातचीत शुरू नहीं की गई तो गंभीर नतीजे भुगतने होंगे। उन्होंने अफगानिस्तान और अमेरिका का हवाला देते हुए कहा कि सरकार को पड़ोस में देखना चाहिए कि कैसे अमेरिका को भागना पड़ा।

महबूबा मुफ़्ती ने शनिवार को कुलगाम में कहा, “जम्मू-कश्मीर के लोग बर्दाश्त कर रहे हैं, जिस वक्त बर्दाश्त का बांध टूट जाएगा उस वक्त आप नहीं रहोगे और मिट जाओगे। हमारा इम्तिहान मत लो सुधर जाओ, संभल जाओ। चींटी जब हाथी के सूंड में घुस जाती है तब वह हाथी का जीना हराम कर देती है।”

उन्होंने कहा कि पड़ोस (अफगानिस्तान) में देखो क्या हो रहा है, इतनी बड़ी अमेरिका, उनको भी वहां से बोरिया-बिस्तर लेकर वापस जाना पड़ा. और आपको मौका है अभी भी कि जिस तरह वाजपेयी जी ने जम्मू-कश्मीर में बातचीत शुरू की थी।.उसी तरह आप भी जम्मू कश्मीर में बातचीत का सिलसिला शुरू कीजिए। जो आपने गैर कानूनी तरीके से लूटा है जो जम्मू-कश्मीर के टुकड़े टुकड़े कर दिए, इस गलती को सुधारो, नहीं तो बहुत देर हो जाएगी।”

वहीँ महबूबा मुफ़्ती के बयान पर पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि ऐसे बयान देना उनकी (महबूबा मुफ़्ती) पुरानी आदत है। उनको समझ लेना चाहिए कि अनुच्छेद 370 कभी वापस नहीं आने वाला है। जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद कम हत्याएं और कम आतंकवादी घटनाएं हुई। जम्म-कश्मीर विकास के रास्ते पर चल रहा है।

महबूबा मुफ़्ती के बयान पर केंद्रीय मंत्री मुख़्तार अब्बास नकवी ने कहा कि ने कल कहा था कि टॉलरेंस हमारे संस्कार और हमारी संस्कृति है लेकिन आतंकवाद के प्रति हमारी ज़ीरो टॉलरेंस हमारा संकल्प है इसी संकल्प के साथ भारत के लोग आगे बढ़ रहे हैं और जो इस तरह के ज्ञान देते है उनके ज्ञान के पीछे खोट छिपा होता है।

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