ममता बनर्जी का आरोप: लाल किले पर झंडा फहराना केंद्र की साजिश

ममता बनर्जी का आरोप: लाल किले पर झंडा फहराना केंद्र की साजिश

कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक बार फिर कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए मोदी सरकार पर बड़ा हमला बोला है। 23 जनवरी को विक्टोरिया मेमोरियल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मौजूदगी में जय श्रीराम के नारे लगाये जाने के खिलाफ निंदा प्रस्ताव के लिए बुलाये गए सत्र के अंतिम दिन ममता बनर्जी ने कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार या तो तीनों कृषि कानून वापस ले या प्रधानमंत्री गद्दी छोड़ें।

ममता बनर्जी ने दिल्ली के लाल किला पर हुए हंगामा को केंद्र सरकार की विफलता करार दिया। उन्होंने कहा कि जब तक ये तीनों कृषि कानून वापस नहीं हो जाते, देश भर में आंदोलन चलते रहेंगे।

उन्होंने कहा कि लालकिला में झंडा फहराना केंद्र की साजिश है। ममता ने कहा कि अमित शाह और नरेंद्र मोदी के साथ दीप सिंधू की तस्वीरें सामने आयी हैं, उसकी जांच होनी चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर ये बिल लागू हो गया और अमल में आ गया, तो देश में खाद्यान्न संकट उत्पन्न हो जायेगा। लोग दाने-दाने को मोहताज हो जायेंगे।

ममता बनर्जी ने विधानसभा में कहा कि केंद्र में इस समय लुटेरों और डकैतों की सरकार है। उन्होंने कहा कि अगर कॉर्पोरेट कंपनियों के कर्ज माफ हो सकते हैं, तो सभी किसानों के कर्ज क्यों नहीं माफ किये जा सकते। ममता बनर्जी ने मांग की कि केंद्र सरकार देश के सभी किसानों का कर्ज माफ करे।

ममता बनर्जी ने कहा कि कोरोना को लेकर पीएम मोदी बार बार सभी दलों के साथ बातचीत करते रहते हैं लेकिन कृषि कानूनों के मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलाकर किसी से बातचीत नहीं की।

उन्होंने कहा कि बिना किसी की राय लिये जबरन इस बिल को पास कराया गया था. यह गैरकानूनी और असंवैधानिक है। इतना ही नहीं ममता बनर्जी ने कहा कि इस समय केंद्र में लुटेरों और डकैतों की सरकार है।

उन्होंने कहा कि अगर कॉर्पोरेट कंपनियों के कर्ज माफ हो सकते हैं, तो सभी किसानों के कर्ज क्यों नहीं माफ किये जा सकते। ममता बनर्जी ने मांग की कि केंद्र सरकार देश के सभी किसानों का कर्ज माफ करे।

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TeamDigital