महबूबा मुफ़्ती ने पार्टी नेताओं से की मुलाकात, दिया बड़ा बयान
नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर में अनुछेद 370 लागू होने के बाद एक वर्ष से अधिक समय तक नज़रबंद रहीं जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने अपनी रिहाई के बाद पार्टी के नेताओं के साथ बैठक की।
रिहा होने के बाद महबूबा मुफ़्ती ने अपने पहले बयान में कहा कि “अब हमें ये याद रखना है कि दिल्ली दरबार ने 5 अगस्त को अवैध और अलोकतांत्रिक तरीके से हमसे क्या लिया था, हमें वो वापस चाहिए।”
महबूबा मुफ़्ती ने अपनी रिहाई के बाद मंगलवार को ट्विटर पर एक ऑडियो संदेश भी साझा किया। अपने संदेश में महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि “मैं आज एक साल से भी ज्यादा अरसे के बाद रिहा हुई हूं। इस दौरान 5 अगस्त, 2019 के काले दिन का काला फैसला, हर पल मेरे दिल और रूह पर वार करता रहा और मुझे अहसास है कि यही कैफियत जम्मू-कश्मीर के तमाम लोगों की रही होगी। उन्होंने कहा कि हममें से कोई भी शख्स उस दिन की डाकाजनी और बेइज्जती को कतई भूल नहीं सकता।”
अपने ऑडियो संदेश में महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि “अब हम सबको इस बात पर यादा करना होगा कि जो दिल्ली दरबार ने 5 अगस्त को गैर-आयनी, गैर-जम्हूरी, गैरकानूनी तरीके से हमसे छीन लिया, उसे वापस लेना होगा। बल्कि उसके साथ-साथ मसले कश्मीर, जिसकी वजह से जम्मू-कश्मीर में हजारों लोगों ने अपनी जानें न्योछावर कीं, उसको हल करने के लिए हमें अपनी जद्दोजहद जारी रखनी होगी। मैं मानती हूं कि ये राह कतई आसान नहीं होगी लेकिन मुझे यकीन है कि हम सबका हौसला और अजम, ये दुश्वार रास्ता तय करने में हमारा मौवीन होगा।”
जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि “आज जबकि मुझे रिहा किया गया है, मैं चाहती हूं कि जम्मू-कश्मीर के जितने भी लोग जेलों में बंद पड़े हैं, उन्हें जल्द से जल्द रिहा किया जाए।”
गौरतलब है कि मुफ्ती को पिछले साल 4 अगस्त को उस समय नजरबंद कर दिया गया था, जब केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर राज्य को दो भागों में बांटने के साथ ही उसका विशेष दर्जा छीन लिया था।