मुसलमानो को आरक्षण देने पर महाराष्ट्र सरकार कर रही काम, जल्द होगा एलान

मुसलमानो को आरक्षण देने पर महाराष्ट्र सरकार कर रही काम, जल्द होगा एलान

मुंबई। नागरिकता कानून के खिलाफ भले ही कांग्रेस शासित राज्यों की विधानसभा में प्रस्ताव पारित किये गए हों लेकिन महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी सरकार नागरिकता कानून के खिलाफ विधानसभा में कोई प्रस्ताव नहीं लाएगी।

एनसीपी नेता और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक ने कहा कि सीएए राज्यों के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता. राज्य सीएए के विरोध में सिर्फ प्रस्ताव पास कर अपनी नाराजगी जता सकते हैं।

उन्होंने कहा कि हम इस पर विचार करेंगे। लोगों को ऐसी मांग नहीं करनी चाहिए कि सीएए को महाराष्ट्र में लागू नहीं किया जाए। ये महाराष्ट्र के अधिकार क्षेत्र में नहीं है। महाराष्ट्र में हम किसी के साथ अन्याय नहीं होने देंगे, इसलिए किसी को भी डरने की जरूरत नहीं है।

वहीँ दूसरी तरफ महाराष्ट्र सरकार राज्य के मुसलमानो को नौकरियों में आरक्षण देने के प्रस्ताव पर काम कर रही है। सूत्रों के मुताबिक पिछले बुधवार को हुई केबिनेट की बैठक में मुसलमानो को नौकरी में आरक्षण देने के मुद्दे पर बातचीत हुई थी।

वहीँ सूत्रों से मिली खबर पर एनसीपी नेता और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक ने मुहर लगाई है। एक न्यूज़ चैनल से बातचीत में नवाब मलिक ने कहा कि महाराष्ट्र मे एनसीपी और कांग्रेस सरकार ने मराठा आरक्षण के साथ 5% मुस्लिम आरक्षण को मंजूरी दी थी।

उन्होंने कहा कि सच्चर कमेंटी की रिपोर्ट के आधार पर वो आरक्षण दिया गया था। कोर्ट ने शिक्षा का आरक्षण जारी रखने के लिये मंजूरी दी थी,लेकीन 2014 के बाद भाजप सरकार ने मुस्लीम आरक्षण का बिल रद्द कर दिया था।

उद्धव सरकार में मंत्री नवाब मलिक ने कहा कि कांग्रेस और एनसीपी के चुनावी घोषणा पत्र में मुस्लिमो को आरक्षण देने का प्रस्ताव शामिल था और महाविकास अघाड़ी सरकार के लिए बने कॉमन मिनीमम प्रोग्राम में भी इस बात का ज़िक्र था।

उन्होंने कहा कि मुस्लिम आरक्षण के लिये राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और कांग्रेस ने हर बार पहल की है और विधानसभा मे शिवसेना ने कभी इस आरक्षण का विरोध नही किया। विरोधी पार्टी के नेताओं को शिवसेना का घोषणापत्र पढना चाहिए और फिर कोई टिप्पणी करणी चाहिए।

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TeamDigital