पालघर की घटना सांप्रदायिक नहीं, धार्मिक रंग देने वालो पर होगी कड़ी कार्रवाही
मुंबई। महाराष्ट्र के पालघर में हुई मॉब लिंचिंग की घटना को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने साफ़ किया है कि पालघर में हुई घटना सांप्रदायिक नहीं है। इसमें 100 से ज़्यादा लोगों की गिरफ्तारी की जा चुकी है।
ठाकरे ने कहा कि ‘हमने 2पुलिसकर्मियों को सस्पेंड और मामले की जांच के लिए ADG CID क्राइम अतुलचंद्र कुलकर्णी को नियुक्त किया है। 100से अधिक व्यक्तियों और 5मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया। इस घटना में कुछ भी सांप्रदायिक नहीं है। मैंने आज सुबह अमित शाह जी से बात की है।’
वहीँ पालघर की घटना को सोशल मीडिया पर कुछ लोग ने सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश कर रहे हैं। अफवाहों को लेकर महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि ‘पालघर की घटना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। मामले में 101 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और उच्च स्तरीय जांच जारी है। जब पूरा देश कोरोना से लड़ रहा है, कुछ लोग इस घटना को गलत मोड़ देने की कोशिश कर रहे हैं, जो सही नहीं है।’
उन्होंने कहा कि इस घटना के उच्च स्तरीय जांच के आदेश भी दिए गए हैं। इस घटना को विवादास्पद बनाकर समाज में दरार बनाने वालों पर भी पुलिस नज़र रखेगी।
इससे पहले कल अनिल देशमुख ने ट्वीट कर कहा कि ‘हमला करनेवाले और जिनकी इस हमले में जान गई – दोनों अलग धर्मीय नहीं हैं। बेवजह समाज में/ समाज माध्यमों द्वारा धार्मिक विवाद निर्माण करनेवालों पर पुलिस और @MahaCyber1 को कठोर कार्रवाई करने के आदेश दिए गए हैं।’
वहीँ दूसरी तरफ पालघर की घटना को लेकर अयोध्या में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने राज्य सरकार के खिलाफ आंदोलन की धमकी दी है। जबकि हनुमानगढ़ी के पुजारी राजू दास धरने पर बैठ गए हैं।
पालघर की घटना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। मामले में 101 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और उच्च स्तरीय जांच जारी है। जब पूरा देश कोरोना से लड़ रहा है, कुछ लोग इस घटना को गलत मोड़ देने की कोशिश कर रहे हैं, जो सही नहीं है।#LawAndOrderAboveAll#WarAgainstVirus pic.twitter.com/PVqywq0XR0
— ANIL DESHMUKH (@AnilDeshmukhNCP) April 20, 2020
क्या है मामला:
17 अप्रैल को जूना अखाड़े के दो साधु अपने ड्राइवर के साथ मुंबई से गुजरात के सूरत में अपने साथी के अंतिम संस्कार के लिए जा रहे थे। जब इनकी गाड़ी महाराष्ट्र-गुजरात बॉर्डर पर पहुंची तो पुलिस ने उन्हें रोक कर वापस भेज दिया। इसके बाद तीनों ने अंदरूनी जंगल वाले रास्ते से होकर आगे बढ़ना तय किया।
इस बीच पालघर जिले के कई गांवों में अफवाह फैल गई कि लॉकडाउन का फायदा उठाकर अपराधी तत्व बैखौफ होकर चोरी डकैती को अंजाम दे रहे हैं। लोगों का अपहरण कर उनकी किडनी निकाल रहे हैं। इस अफवाह के चलते गांव वालों ने बिना कुछ सोचे समझे इनकी गाड़ी देख इन पर हमला कर दिया और इन्हें डकैत समझ कर पीट-पीट कर मार डाला।