बिहार में एनडीए से अलग हुई लोक जनशक्ति पार्टी, नीतीश का नेतृत्व बर्दाश्त नहीं

भोपाल ब्यूरो। बिहार में एन विधानसभा चुनावो के करीब एनडीए को एक और झटका लगा है। लोक जनशक्ति पार्टी ने एनडीए छोड़ने और अकेले चुनाव लड़ने का एलान किया है।
लोकजनशक्ति पार्टी का कहना है कि वह किसी भी हालत में नीतीश के नेतृत्व को स्वीकार नहीं करेगी। इसलिए उसने एनडीए से अलग होने और अकेले दम पर चुनाव लड़ने का फैसला लिया है।
लोकजनशक्ति पार्टी ने यह फैसला चिराग पासवान की अध्यक्षता में आयोजित पार्टी की केंद्रीय संसदीय बोर्ड की बैठक में लिया है। बैठक में मौजूद सभी पार्टी नेताओं ने एकजुट से अकेले चुनाव लड़ने की वकालत की।
बैठक के बाद लोक जनशक्ति पार्टी के प्रधान महासचिव अब्दुल खालिक ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर व लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी का भाजपा के साथ मजबूत गठबंधन है, लेकिन राज्य स्तर पर व विधानसभा चुनाव में गठबंधन में मौजूद जेडीयू से वैचारिक मतभेदों के कारण बिहार में लोजपा ने गठबंधन से अलग चुनाव लड़ने का फैसला लिया है।
उन्होंने कहा कि लोजपा ‘बिहार पहले बिहारी पहले’ दृष्टिपत्र को लागू करना चाहती थी जिस पर समय रहते सहमति नहीं बन पाई। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी नीतीश कुमार का नेतृत्व स्वीकार नहीं करेगी।
वहीँ भारतीय जनता पार्टी से संबंधो को लेकर खालिक ने कहा कि लोजपा भारतीय जनता पार्टी के बीच रिश्तो में कोई खटास नहीं हैं और ये रिश्ते सामान्य दिनों की तरह ही रहेंगे। उन्होंने कहा कि चुनाव परिणाम आने के बाद लोक जनशक्ति पार्टी के तमाम जीते हुए विधायक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के विकास मार्ग के साथ रहकर भाजपा-लोजपा सरकार बनाएंगे।
खालिक ने कहा कि लोजपा के अकेले चुनाव लड़ने के फैसले के बाद भाजपा के साथ कुछ सीटों पर दोस्ताना मुकाबला हो सकता है।पार्टी उन सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी जहां जदयू के प्रत्याशी होंगे।