बोकारो: सड़क न होने से परेशान स्थानीय लोग, गहरी नींद सोया है सरकारी महकमा
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धनबाद ब्यूरो। झारखंड के बोकारो को भले ही औधोगिकीकरण के लिए जाना जाता है लेकिन एक सच्चाई यह भी है कि यहां के कई इलाके अभी भी विकास के लिए सरकारी महकमे की नींद टूटने का इंतज़ार कर रहे हैं।
बोकारो के सिवनडीह कफील मैदान के रहने वाले लोग पिछले कई वर्षो से स्थानीय प्रशासन और सरकार की अनदेखी का खमियाजा भुगत रहे हैं। यहां का रास्ता वर्षो से सड़क बनने का इंतज़ार कर रहा है।
स्थानीय लोगों ने सड़क बनवाने के लिए सूबे के आला-अधिकारियों से संपर्क किया, आवेदन दिए गए लेकिन सरकारी महकमे की नींद नहीं तोड़ पाए। नतीजतन यह सड़क आज भी जस की तस पड़ी है और सड़क बनाने की दिशा में कोई प्रगति नहीं हुई है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि कच्चा रास्ता होने के कारण बारिश के दिनों में यहां से निकलना भी मुश्किल हो जाता है। जल भराव और कीचड़ के चलते चारो तरफ कीचड़ ही कीचड़ दिखाई देता है। ऐसे में लोगों को आने जाने में बेहद तकलीफें उठानी पड़ती है।
स्थानीय लोगों ने कहा कि स्कूल जाने वाले बच्चो को आने जाने में काफी दिक्क्तें झेलनी पड़ती हैं वहीँ किसी मरीज को अस्पताल इत्यादि लाने- ले जाने में और ज़्यादा मुसीबतें आती हैं। कच्चा रास्ता होने के कारण कोई भी वाहन अंदर तक आने के लिए तैयार नहीं होता। ऐसे में मरीज को खुद ही पैदल चलकर बाहर तक जाना होता है।
फ़िलहाल स्थानीय लोगों को सड़क बनने के लिए प्रशासनिक पहल का इंतज़ार है। लोगों का कहना है कि वे सड़क निर्माण के लिए तमाम कोशिशें कर चुके हैं लेकिन अभी तक की सभी कोशिशें व्यर्थ ही रही हैं।
युवा समाजसेवी और सामाजिक कार्यकर्त्ता अफ़ज़ल खान ने प्रदेश के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन तथा बोकारो के जिलाधिकारी से बोकारो के सिवनडीह कफील मैदान की सड़क बनवाने की अपील की है। ट्विटर पर अफ़ज़ल खान ने मुख्यमंत्री और जिलाधिकारी को माइक्रो ब्लॉकिंग साइट ट्विटर पर भी टैग कर यह अपील की है।