अब संभल में ग्रामीणों ने बीजेपी उम्मीदवार को दौड़ाया
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को कई जगह विरोध का सामना करना पड़ रहा है। बीजेपी के खिलाफ मतदाताओं के विरोध के सुर सिर्फ पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जाट लैंड तक ही सीमित नहीं है बल्कि यह विरोध प्रदेश के अन्य इलाको में भी देखने को मिल रहा है।
बीजेपी के खिलाफ जनता के गुस्से का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को अपनी ही विधानसभा में भारी विरोध का सामना करना पड़ा और जनता ने उन्हें उलटे पैर वापस लौटने को मजबूर कर दिया।
अब नए मामले में संभल में स्थानीय लोगों के विरोध के चलते बीजेपी उम्मीदवार को वापस लौटना पड़ा है। स्थानीय लोगों ने बीजेपी के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर अपना विरोध जताया। जिसके चलते बीजेपी उम्मीदवार अपना प्रचार नहीं कर सके और उन्हें वापस लौटना पड़ा।
बीजेपी विरोध का यह मामला संभल के असमौली विधानसभा क्षेत्र के शंकरपुर गांव का है। मंगलवार को बीजेपी उम्मीदवार हरेंद्र रिंकू इस गांव में चुनाव प्रचार के लिए गए थे। जैसे ही स्थानीय लोगों को बीजेपी उम्मीदवार के आने की जानकारी मिली तो वे इकट्ठे हो गए और बीजेपी के खिलाफ नारे लगाने पड़े।
काफी देर तक चली नारेबाजी के बीच बीजेपी उम्मीदवार ने लोगों से कहा कि वह किसान विरोधी नहीं है लेकिन स्थानीय लोगों ने उनकी एक न सुनी और अंततः बीजेपी उम्मीदवार को उलटे पैरो वापस लौटना पड़ा।
विरोध के बीच बीजेपी उम्मीदवार को यह कहते भी सुना गया कि उन्हें वोट नही देना है तो न दें लेकिन गांव में प्रचार के लिए जाने दें। इस पर स्थानीय लोगों ने उन्हें तुरंत गांव से वापस जाने के लिए कहा। बढ़ते विरोध के बीच बीजेपी उम्मीदवार हरेंद्र रिंकू को वापस आना पड़ा।
इससे पहले कल मेरठ के सिवालखास विधानसभा इलाके के छुर्र गांव पहुंचे बीजेपी उम्मीदवार चौधरी मनिंदरपाल सिंह को भी ग्रामीणों के ज़बरदस्त विरोध के बाद वापस लौटना पड़ा था।