मेडिकल जर्नल ‘लैंसेट’ ने भारत में कोरोना संकट के लिए मोदी सरकार को बताया ज़िम्मेदार
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नई दिल्ली। दुनिया के सबसे बड़े मेडिकल जर्नल ‘लैंसेट’ ने अपने संपादकीय में भारत में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के लिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को सीधे तौर पर ज़िम्मेदार ठहराया है। लैंसेट ने अपने संपादकीय में केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए देश में कोरोना महामारी के लिए धार्मिक और राजनीतिक कारणों को ज़िम्मेदार बताया है।
लैंसेट ने संपादकीय में लिखा कि कई एक्सपर्टों और देशों द्वारा दिए गए सुपरस्प्रेडर घटनाओं के जोखिमों के बारे में चेतावनी के बावजूद सरकार ने भारत में धार्मिक त्योहारों को बड़े पैमाने पर मनाने की अनुमति दे दी. इसके अलावा चुनाव के दौरान हुए विशाल राजनीतिक रैलियों ने भी कोरोना फैलाने का काम किया है।
लैंसेट का इशारा कोरोना महामारी के बीच उत्तराखंड के हरिद्वार में आयोजित कुंभ मेले और पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव तथा यूपी के पंचायत चुनाव कराये जाने की तरफ है।
संपादकीय में कहा गया है कि कोरोना महामारी को लेकर मोदी सरकार को दूसरे लहर की शुरूआत के बारे में “कई” चेतावनियां दी गई थी उन्होंने उसे भी नजरअंदाज कर दिया. उन्होंने कहा कि मार्च की शुरुआत में कोरोना की दूसरी लहर शुरू होने से पहले, भारतीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन इस महामारी पर अंतिम जीत घोषित कर दी थी।
इतना ही नहीं लैंसेट ने अपने संपादकीय में कहा कि भारत ने वैश्विक स्तर पर यह धारणा बनाई कि देश ने कोविड को मात दे दी है। सराकर द्वारा दिए गए ऐसे संदेश के कारण टीकाकरण अभियान की शुरुआत को धीमा कर दिया।
वहीं दूसरी तरफ स्वास्थ्य मंत्रलाय द्वारा शनिवार को जारी किए गए रिपोर्ट के अनुसार देश में जहां पिछले तीन दिन से हर रोज 4 लाख से अधिक नए कोरोना मरीज मिल रहे हैं। वहीं देश में पहली बार 24 घंटे में रिकॉर्ड 4,187 लोगों की कोरोना से मौत हो गई जोकि एक दिन में दर्ज की गई मौतों की अब तक की सबसे अधिक संख्या है।