यूपी में किसान पंचायतें जारी, बातचीत से पहले लिखित प्रस्ताव चाहते हैं किसान
नई दिल्ली। कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले 66 दिनों से चल रहे किसान आंदोलन में आज भीड़ बढ़ने की संभावना है। उत्तर प्रदेश में भारतीय किसान यूनियनों द्वारा की जा रही पंचायतो के बाद यूपी से बड़ी तादाद में किसानो का दिल्ली कूच जारी है।
इस बीच पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा किसानो से बातचीत के लिए दिए गए संकेतो पर किसान नेताओं का कहना है कि सरकार बातचीत के लिए लिखित में प्रस्ताव भेजे। इस प्रस्ताव को संयुक्त किसान मोर्चे की बैठक में रखा जाएगा।
किसान नेताओं का कहना है कि यदि कृषि मंत्री द्वारा दिए गए प्रस्ताव पर सरकार चर्चा चाहती है तो उसे हमारा फैसला पता होना चाहिए। यदि हमे कृषि मंत्री द्वारा दिए गए प्रस्ताव पर आगे बात करनी होती तो हम इतने दिनों तक इंतज़ार क्यों करते।
किसान नेताओं ने कहा कि यदि सरकार कृषि कानूनों को रद्द करने और एमएसपी के लिए कानून लाने पर बात करना चाहती है तो वह लिखित में प्रस्ताव भेजे। जिससे बातचीत का रास्ता बन सके।
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने एक न्यूज़ चैनल से बातचीत में कहा कि हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रस्ताव का स्वागत करते हैं लेकिन जो हमारी मांगें हैं, हम उन्ही मुद्दों पर बातचीत करेंगे।
उन्होंने कहा कि किसान सम्मान के साथ अपना आंदोलन समाप्त करेगा। किसानो के सम्मान से कोई समझौता नहीं किया जायेगा। हमारी जो प्रमुख मांगे थीं हम आज भी उन पर कायम हैं।
वहीँ दूसरी तरफ भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने बिजनोर में किसान पंचायत को संबोधित करते हुए किसानो से गाज़ीपुर पहुँचने का आह्वान किया। नरेश टिकैत द्वारा की जा रही किसान पंचायतो के मद्देनज़र आज बड़ी तादाद में किसान दिल्ली की तरफ कूच कर रहे हैं।
गौरतलब है कि किसानो और सरकार के बीच 11वे दौर की बातचीत 22 जनवरी को हुई थी। इसके बाद सरकार की तरफ से बातचीत का कोई औपचारिक न्यौता किसानो को नहीं भेजा गया है।
इंटरनेट पर रोक की अवधि बढ़ाई गई:
इस बीच सिंघु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर और गाज़ीपुर के आसपास के इलाको में इंटरनेट पर रोक की अवधि बढ़ा दी गई है। गृह मंत्रालय के आदेश के तहत सिंघु, गाजीपुर और टीकरी बॉर्डर पर तत्काल प्रभाव से अस्थाई रूप से इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगा दी गई है। अब 2 फरवरी यानी मंगलवार की रात 11 बजे तक इन इलाकों में इंटरनेट सेवाओं का इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा।