चमकी बुखार को मात देने में आशा की किरण बनीं ‘आशा’ किरण देवी

- चमकी बुखार के खतरे से लोगों को करती हैं आगाह, बताती हैं बचाव के तरीके
- शुरुआती दिनों में उनके काम का जिन्होंने उड़ाया था मजाक, आज कर रहे तारीफ
मुजफ्फरपुर। बहुत कम लोग होते हैं, जो अपने नाम के अनुरूप काम भी करते हैं। चमकी बुखार पर जागरूकता फैलाने में गायघाट की जमालपुर पंचायत के राघोपुर वार्ड नंबर 12 की आशा किरण देवी ने अपने नाम को सच साबित कर दिया है। अपने प्रयासों से कई घरों का चिराग बुझने से बचा लिया। 60 वर्षीया सकीना और 65 वर्षीया शैल देवी ने बताया कि आशा उनके इलाके के लोगों के लिए उम्मीद की किरण है।
चमकी बुखार की प्राथमिक चिकित्सा में हैं दक्ष :
आशा किरण देवी लोगों में घूम-घूम कर चमकी बुखार से बचने के तरीके और लक्षणों को बताती रही हैं। यदि कोई बच्चा चमकी का शिकार हो जाए तो उसे तुरंत किस प्रकार का इलाज दिया जाए, इसमें वे पूरी तरह दक्ष हैं। वह ऐसे बच्चों को न केवल चिन्हित करती हैं, बल्कि तत्परता के साथ उनकी प्राथमिक चिकित्सा भी करती हैं। वह केवल सातवीं पास है, लेकिन उनके स्वभाव में लोगों की सेवा पाई जाती है।
लोगों के ताने आज सराहना में बदल गए :
आशा किरण देवी ने बताया कि 2007 में जब आशा की नौकरी ज्वाइन की तो लोग उनका मजाक उड़ाते थे। लोग कहते थे अपना पेट पालने के लिए यह इधर-उधर मारी-मारी फिरती है। दरवाजे-दरवाजे जाती है। लेकिन उनके पति ने बहुत सहयोग किया। वह लोगों के ताने एक कान से सुनती और दूसरे से निकाल देती। अब स्थिति बिल्कुल उलट गई है। गांव की महिलाएं और किशोरियां, यहां तक कि पुरुष भी अपने स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को उनके सामने लेकर आते हैं। किरण देवी भी मरीजों की सेवा के लिए दिन रात तैयार रहती हैं।
इस साल उनके क्षेत्र में एक भी मामला नहीं आया चमकी का :
किरण ने बताया कि पिछले साल उनके वार्ड में चमकी बुखार के 3 रोगी थे, लेकिन इस साल उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से ट्रेनिंग लेकर राघोपुर के वार्ड नंबर 12 और 13 में खूब प्रचार-प्रसार किया। स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिए गए पर्चे को लोगों को पढ़-पढ़ कर सुनाया और यह बताया कि साफ-सफाई के अतिरिक्त चमकी के समय बच्चे का कैसे ख्याल रखना चाहिए। बच्चे को तुरंत सरकारी अस्पताल पहुंचाना चाहिए। निजी डॉक्टरों के चक्कर में बच्चों के अनमोल 1 घंटे को बर्बाद करके उनकी जिंदगी से खिलवाड़ नहीं करना चाहिए। यही कारण है कि उनके क्षेत्र यानी राघोपुर के वार्ड नंबर 12 और 13 में एक भी चमकी का केस इस साल अभी तक सामने नहीं आया है।
अधिकारी भी करते हैं काम की सराहना :
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गायघाट के डाटा ऑपरेटर सह ब्लॉक कम्युनिटी मोबिलाइजर मुकेश कुमार ने बताया कि इस बार एक कार्यक्रम ‘चमकी पर धमकी’ नाम से चलाया गया, जिसमें स्वास्थ्य अधिकारी, आशा, एएनएम, विकास मित्रों और जनप्रतिनिधियों को एकजुट करके जागरूकता अभियान चला। इसके अंतर्गत उक्त सभी लोगों को प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण में इस बात पर जोर दिया गया कि लोगों के अंदर जागरूकता कैसे पैदा की जाए, क्योंकि जागरूकता से ही चमकी को मात दिया जा सकता है और इस काम में दूसरी आशाओं की तरह किरण देवी ने भी पूरी निष्ठा और सेवा भाव से अपने कार्य को अंजाम दिया, जिसका नतीजा आज हमारे सामने है कि उनके क्षेत्र राघोपुर में अभी तक एक भी चमकी बुखार का केस नहीं आया है।