विवादित रहा कामकाज: पुडुचेरी के उपराज्यपाल पद से किरण बेदी की छुट्टी
नई दिल्ली। किरण बेदी को पुडुचेरी उपराज्यपाल पद से हटा दिया गया है। उनकी जगह तेलंगाना के राज्यपाल तेलंगाना के राज्यपाल तमिलसाई सुंदरराजन को पुडुचेरी के उपराज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।
पिछले काफी समय से किरण बेदी और राज्य सरकार के बीच मतभेद चल रहे थे। पुडुचेरी की नारायणसामी सरकार ने उप राज्यपाल किरण बेदी पर सरकार के कामकाज में अनावश्यक दखल देने का आरोप लगाया था।
इतना ही नहीं अभी हाल ही में उपराज्यपाल किरण बेदी और राज्य सरकार के बीच टकराव बढ़ने के बाद राज्य में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार ने राजभवन के पास चार दिवसीय धरने का आयोजन भी किया था। मुख्यमंत्री वी नारायणसामी भी इस धरने में शामिल हुए थे।
मुख्यमंत्री नारायणसामी ने केंद्र से तत्काल राज्य की उपराज्यपाल किरण बेदी को तुरंत वापस बुलाने की मांग भी की थी। बतौर पुडुचेरी के उपराज्यपाल किरण बेदी का कार्यकाल पूरी तरह विवादित रहा और राज्य सरकार से उनके नंबर मेल नहीं खाये। राजभवन और सरकार के बीच पैदा हुई खाई के बाद मुख्यमंत्री नारायणसामी और उपराज्यपाल किरण बेदी की लड़ाई हाईकोर्ट तक भी पहुंची थी।
वर्ष 2019 में 1 मई को मद्रास हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि पुडुचेरी की निर्वाचित सरकार के दैनिक कामकाज में वहां की उपराज्यपाल हस्तक्षेप नहीं कर सकती हैं।
विवादित रहा कामकाज:
उपराज्यपाल के रूप में किरण बेदी पुडुचेरी में अपने पैर नहीं जमा पाईं। बीते वर्ष कोरोना संकमण के दौरान किरण बेदी कोविड-19 के विशेष प्रकोष्ट का निरीक्षण करने पहुंची थीं। इस दौरान वहां तैनात स्वास्थ्य कर्मियों से उलझ गई थीं। इसके बाद राज्य के डॉक्टर और नर्स सड़क पर उतर आये थे।
स्वास्थ्य कर्मियों ने उपराज्यपाल किरण बेदी पर आरोप लगाया कि उन्होंने धमकी भरे लहजे में बात की और दुर्व्यवहार किया। किरण बेदी के व्यव्हार के खिलाफ सड़क पर उतरे स्वास्थ्य कर्मियों ने पट्टी बांधकर करीब चार घंटे तक सड़क पर नारेबाजी कर अपना रोष ज़ाहिर किया था।
स्पीकर की जगह खुद ही दिला दी थी मनोनीत विधायकों को शपथ:
बतौर पुंडुचेरी की राज्यपाल किरण बेदी ने कुछ ऐसे काम किये जिनका संवैधानिक तौर पर उन्हें अधिकार नहीं था। बीजेपी के तीन नेताओं को मनोनीत विधायक के तौर पर शपथ दिलाये जाने की जल्दबाज़ी के चलते उप राज्यपाल किरण बेदी विवादों में आ गई थीं।
पुडुचेरी की नारायणसामी सरकार ने विधायकों के मनोनयन के लिए केंद्र सरकार को कोई सिफारिश नहीं भेजी थी, इसके बावजूद उपराज्यपाल किरण बेदी ने अपनी मर्जी से केंद्र सरकार को तीन बीजेपी नेताओं के नाम भेज दिए जिन्हे विधायक मनोनीत कर जल्दबाज़ी में शपथ दिला दी गयी। विधायकों को शपथ दिलाने का काम भी विधानसभा के स्पीकर के बदले बेदी ने खुद ही कर दिया।