कोरोना पर मोहम्मद खुर्शीद अकरम सोज़ की नज़्म “हम कोरोना से जंग जीतेंगे”
वह एक वायरस !
जब ज़मीं पर,
ख़ुदाओं की तादाद बढ़ने लगी !
हर कोई अपनी ताक़त के नश्शे में
चूर होने लगा !
बेकसों को सताने लगे शक्तिवान
ज़ुल्म की इंतेहा जब यह करने लगे
ख़ौफ़-ओ-दहशत के साये में जब
निर्बलों को खङा कर दिया !
फिर …….!!!
एक वायरस अचानक किसी जिस्म में ,
छुप के दाख़िल हुआ,
धीरे-धीरे यह वायरस फिर इस जिस्म से,
फैला संसार में !
पूरे संसार में !!
एक चैलेंज बनकर उठा !
यह महाशक्तियों के लिए,
हाँ बड़ी ताक़तों के लिए !!!
ताक़तें वो जो ख़ुद को ख़ुदा ही समझती रहीं !!!
एक वायरस ने इन शक्तियों को,
औक़ात इनकी बता दी !
और घुटनों पे शक्तिवानों को लाकर खड़ा कर दिया !!
हम कोरोना से जंग जीतेंगे
हाँ यह वायरस बड़ा ही ज़ालिम है
नाम जिसका ग़ज़ब “कोरोना” है
सारी दुनिया परेशान है इस से
सारी दुनिया में ख़ौफ़ छाया है
इस कोरोना को मात देने को
लॉकडाउन में घर में रहना है
जब ज़रूरी किसी से मिलना हो
फ़ासला दरमियाँ में रखना है
मास्क भी तो बहुत ज़रूरी है
हाथ साबुन से धोते रहना है
हम कोरोना से जंग जीतेंगे
इस से मिल कर सभों को लड़ना है