नागरिकता कानून: केरल के सीएम का 11 मुख्यमंत्रियों को पत्र,कहा ‘लोकतंत्र बचाने आगे आएं’

नागरिकता कानून: केरल के सीएम का 11 मुख्यमंत्रियों को पत्र,कहा ‘लोकतंत्र बचाने आगे आएं’

नई दिल्ली। नागरिकता कानून को लेकर जहाँ शुक्रवार को भी देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन जारी रहे वहीँ केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने 11 राज्यों के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अपील की है कि वे लोकतंत्र बचाने के लिए आगे आएं।

झारखंड, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, महाराष्ट्र, बिहार, आंध्र प्रदेश, पुदुचेरी, मध्य प्रदेश, पंजाब, राजस्थान और ओडिशा के मुख्यमंत्रियों को लिखे पत्र में मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा कि नागरिकता कानून के खिलाफ हमारे समाज के एक बड़ा वर्ग आशंकित हैं। इसलिए लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता की रक्षा के इच्छुक सभी भारतीयों को एकजुट होना होगा, यही समय की मांग है।

केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने सीएए के खिलाफ केरल विधानसभा के प्रस्ताव का जिक्र करते हुए कहा कि बाकी राज्य भी इस तरह के कदम पर विचार कर सकते हैं।

गौरतलब है कि नागरिकता कानून के खिलाफ केरल विधानसभा में प्रस्ताव पास किया गया है। इस प्रस्ताव में साफ़ तौर पर कहा गया है कि केरल अपने यहाँ नागरिकता कानून लागू नहीं करेगी। इस प्रस्ताव को विधानसभा में पेश करते हुए मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा था कि हम राज्य में कोई डिटेंशन सेंटर नहीं बनाएंगे।

केरल में सत्तारूढ़ दल की तरफ से विधानसभा में लाये गए इस प्रस्ताव का कांग्रेस ने भी समर्थन किया है। सीएम विजयन ने कहा कि केरल में धर्मनिरपेक्षता, यूनानियों, रोमन, अरबों का एक लंबा इतिहास है। हर कोई हमारी जमीन पर पहुंचा। हम राज्य में नागरिकता कानून थोपे जाने के खिलाफ हैं।

गौरतलब है कि कांग्रेस शासित राज्यों पंजाब, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, झारखंड के अलावा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी राज्य में नागरिकता कानून और एनआरसी लागू न करने की बात कह चुके हैं। वहीँ बीजेपी शासित राज्य नागरिकता कानून लागू करने की वकालत कर रहे हैं।

कांग्रेस ने नागरिकता कानून का हवाला देते हुए राजघाट पर संविधान बचाओ सत्याग्रह का भी आयोजन किया था। इतना ही नहीं कांग्रेस शासित राज्यों में नागरिकता कानून के विरोध में संविधान बचाओ मार्च का भी आयोजन किया जा चूका है।

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TeamDigital