कपिल सिब्बल का बड़ा सवाल: जो चीन कह रहा है वहीँ पीएम मोदी क्यों कह रहे हैं ?
नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच पैदा हुए सीमा विवाद पर जहां केंद्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी की तरफ से दावा किया जा रहा है कि सीमा पर सबकुछ ठीक चल रहा है और चीन के साथ आधिकारिक स्तर की बातचीत भी जारी है।
वहीँ कांग्रेस मीडिया रिपोर्टो, पूर्व सैन्य अधिकारीयों के बयानों और सेटेलाइट इमेजो का हवाला देकर सरकार पर आरोप लगा रही है कि चीन भारतीय सीमा में अतिक्रमण कर रहा है और सरकार लगातार झूठ बोल रही है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने आज इस मामले में वर्चुअल प्रेस कांफ्रेंस में पीएम नरेंद्र मोदी के उस बयान पर सवाल उठाये जिसमे उन्होंने कहा था कि न तो हमारी सीमा में कोई घुसा है, न ही कोई घुसा हुआ है, न ही हमारी पोस्ट किसी दूसरे के कब्जे में है।
सिब्बल ने कहा कि 2013 में चीनियों ने वाई जंक्शन पर हमला किया था। कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने तीन सप्ताह तक चले ‘फेस-ऑफ’ के बाद पूर्व की यथास्थिति बहाल की और चीनियों को वाई-जंक्शन से पीछे हटना पड़ा। लेकिन आज इन्होने इस पर कब्जा कर लिया।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि कल चीन में भारतीय राजदूत ने PTI को कहा कि ‘भारत को उम्मीद है कि चीन अपनी जिम्मेदारी समझ ‘डि-इस्केलेशन’ एवं ‘डिसइंगेजिंग’ की कार्यवाही करते हुए हमारी सीमा से पीछे लौट एलएसी पर अपनी ओर चला जाएगा।’’ मतलब चीन अभी वहाँ बैठा हुआ है।
उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्री ने 3 जून को माना कि ‘‘बड़ी संख्या में चीनी सैनिक मौजूद हैं’’ और वो LAC के पार आ गए हैं। 17 जून को विदेश मंत्रालय ने माना कि चीनी सैनिकों ने न केवल LAC को पार किया है, बल्कि गलवान घाटी में हमारी सीमा में ढांचे भी खड़े कर लिए हैं।” फिर सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री ने सत्यापित तथ्यों के विरुद्ध बयान क्यों दिया ?
कपिल सिब्बल ने कहा कि पूर्व सैन्य कमांडर, जनरल डी. एस. हुड्डा एवं सुरक्षा विशेषज्ञों ने सैटेलाईट चित्रों का आंकलन कर गलवान घाटी में चीनी कब्जे की पुष्टि कर दी है। 1962 से लेकर आज तक, गलवान घाटी सदैव भारत का अखंड हिस्सा रही है। चीनियों ने कभी भी इस पर दावा नहीं किया।
उन्होंने कहा कि चिंताजनक बात है कि चीन ने गलवान घाटी में पीपी-14 के पास टैंट व ढांचे बना लिए हैं। यह वही जगह है, जहां 15-16 जून, 2020 को 16 बिहार रेजिमेंट के कर्नल बी. संतोष बाबू के नेतृत्व में हमारे 20 जवान शहीद हुए।
प्रेस कांफ्रेंस में कपिल सिब्बल ने एक नक्शा भी दिखाया। उन्होंने कहा कि सैटेलाईट चित्र गलवान नदी के बेड में चीनी सैनिकों द्वारा नई ब्लैक टाॅप सड़कों व बड़ी संख्या में मिलिटरी टैंटों का निर्माण एवं बुलडोज़रों तथा अन्य भारी उपकरणों की मौजूदगी प्रदर्शित करते है। हमारी केंद्र सरकार इस बारे क्या कर रही है?
सिब्बल ने कहा कि फिंगर 2 से लेकर 8 तक हमारा कब्जा रहा है। आज के दिन फिंगर 4 पर चीन हेलीपेड बना रहा है। हमारा कैम्प फिंगर 2 पर हैं। चीन चाहता है कि हम फिंगर 2 पर चले जाएं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को सार्वजनिक रूप से चीन की हरकतों की निंदा करनी चाहिए। हम प्रधानमंत्री के साथ खड़े हैं। आज प्रधानमंत्री के घुसपैठ न होने वाले बयान का इस्तेमाल चीन अपने बचाव के लिए कर रहा है। जो चीन कह रहा है, वही प्रधानमंत्री क्यों कह रहे हैं?
कपिल सिब्बल ने कहा कि अभी भी देर नहीं हुई है, प्रधानमंत्री को जानबूझकर दिए गए भ्रामक बयानों को वापस लेना चाहिए। जब मामला भारत की सुरक्षा का हो, तो प्रधानमंत्री को सच्चाई बयान करने से गुरेज़ नहीं करना चाहिए, ताकि देश को विश्वास हो।