अपने बयान पर अकेली पड़ीं कंगना, बीजेपी ने पल्ला झाड़ा
मुंबई। आज़ादी को लेकर दिए गए अपने बयान से घिरीं फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत अब अकेली पड़ती दिखाई दे रही है। आज़ादी को भीख बताने वाली कंगना रनौत के बयान की चौतरफा निंदा हो रही है और कई जगह उसके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई है।
इस बीच भाजपा की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल भी कंगना के बयान से किनारा करते दिखाई दिए। चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि अभिनेत्री कंगना रनौत का यह बयान कि 1947 में भारत को मिली आजादी ‘भीख’ थी, पूरी तरह गलत है। पाटिल ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘स्वतंत्रता के लिए देश के संघर्ष पर कंगना रनौत का बयान पूरी तरह गलत है। किसी को भी स्वतंत्रता आंदोलन पर नकारात्मक टिप्पणी करने का हक नहीं है।”
पाटिल ने कहा कि रनौत प्रधानमंत्री मोदी के सात साल के कामकाज की तारीफ कर सकती हैं, लेकिन उन्हें स्वतंत्रता आंदोलन की आलोचना करने का अधिकार नहीं है।
महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी ने जताई नाराज़गी:
महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी ने शुकव्रार को अभिनेत्री को नफरत का एक एजेंट बताया। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘पद्मश्री कंगना रनौत नफरत, असहिष्णुता और अनर्गल उत्साह की एजेंट है। यह हैरानी की बात नहीं है कि उन्हें लगता है कि भारत को आजादी 2014 में मिली। घृणा, असहिष्णुता, दिखावटी देशभक्ति और दमन को भारत में 2014 में आजादी मिली।”
उन्होंने कहा, ‘‘यह हैरानी की बात नहीं है कि ऐसे बयान उस कार्यक्रम में दिए गए, जिसमें प्रधानमंत्री भी शामिल हुए। आखिरकार आज पीएमओ नफरत का झरना बन गया है जो प्रचूर मात्रा में हमारे देश में बहता है।”
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वहीँ कंगना के बयान को लेकर शिवसेना ने भी हमला बोला है। शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादकीय में कहा कि ‘कंगना बेन का सिर सुन्न हो गया है, ऐसा वरुण गांधी कहते हैं। किस कारण से वे बहरी हुई हैं, यह एनसीबी के वानखेड़े ही खोज सकते हैं! परंतु मोदी सरकार का सिर भी उसी कारण से बहरा नहीं हुआ होगा तो इस देशद्रोह के लिए कंगना बेन के सभी राष्ट्रीय पुरस्कार वे वापस लेंगे. वीरों की, स्वतंत्रता का अपमान देश कभी बर्दाश्त नहीं करेगा!’