इस्तीफे के समय कमलनाथ ने कही थी ‘आज के बाद कल आने की बात’, क्या वह समय करीब है ?

भोपाल ब्यूरो। मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमित मरोजो की तादाद बढ़ने के बीच पिछले 72 घंटो में राजनीति भी गर्म हो चली है। गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार के पतन के समय तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बीजेपी को लेकर कहा था कि ‘ये भूलना चाहिए कि आज के बाद कल और कल के बाद परसो भी आता है।’
कल कांग्रेस के राज्य सभा सांसद विवेक तन्खा ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग रखी थी। कांग्रेस सांसद ने पत्र में संविधान के अनुच्छेद 163 का हवाला देते हुए कहा कि यद्यपि मुख्यमंत्री अकेले शपथ ले सकता है किन्तु जल्द ही मंत्रिपरिषद का गठन भी अनिवार्य है। विवेक तन्खा ने कहा कि ‘मध्य प्रदेश में बिना मंत्रिमंडल के मुख्यमंत्री के काम करने को असंवैधानिक है।’
वहीँ अगले ही दिन आज पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्य की शिवराज सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने बिना मंत्रियों की सरकार चलाने पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह पर निशाना साधा।
कमलनाथ ने कहा कि ‘मध्य प्रदेश, पूरे विश्व में एक ही प्रदेश है, जहां ना तो स्वास्थ्य मंत्री है और ना ही गृह मंत्री।’ उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने इस गंभीर बीमारी को लेकर काफी पहले ही चिंता जाहिर की थी लेकिन केंद्र सरकार ने कोरोना की गंभीरता को समझने में लंबा समय लगा दिया और 40 दिनों के बड़े अंतर के बाद लॉकडाउन जैसा महत्वपूर्ण फैसला लिया।
कमलनाथ ने आरोप लगाया कि चूँकि उस समय केंद्र सरकार का ध्यान राज्य सभा चुनाव को देखते हुए सांसदों को अपने पक्ष में करने पर था। इस वजह से कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए महत्वपूर्ण फैसले लेने में भारी देरी की गई।
उन्होंने कहा कि ‘आज पूरी दुनिया गंभीर महामारी की चपेट में है। दुनिया के सभी देश सामूहिक तौर पर इसका समाधान तलाश रहे हैं। प्रत्येक दिन हजारों लोग इस महामारी की चपेट में आ रहे हैं।’
कमलनाथ ने कहा कि ‘मैं इसे दोहराना चाहता हूं कि कांग्रेस कोरोना वायरस के खिलाफ केन्द्र सरकार की यथासंभव मदद के लिए तैयार है और कांग्रेस पार्टी इस महामारी की लड़ाई में केन्द्र सरकार के साथ है।’
कमलनाथ के मध्यप्रदेश में डंटे रहने पर कयास:
वहीँ मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार के पतन के बाद भी कमलनाथ जैसे कांग्रेस के कद्दावर नेता के मध्य प्रदेश में डंटे रहने को लेकर अब कयास लगने शुरू हो गए हैं।
वहीँ सूत्रों की माने तो मध्य प्रदेश में मंत्रिमंडल का गठन न होने के कारण मंत्रिपद की आस लगाए बैठे बीजेपी विधायकों छटपटाहट शुरू हो गयी है। कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में गए ज्योतिरादित्य सिंधिया को लेकर सूत्रों ने कहा कि अब उन्हें बीजेपी में अंदर आने के बाद यह अहसास तो हो चूका है कि कांग्रेस और बीजेपी में क्या फ़र्क़ है।
सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस छोड़ने जैसा बड़ा फैसला लेकर सिंधिया ने राज्य में बीजेपी की सरकार तो बनवा दी लेकिन खुद अभी भी खाली हाथ हैं। वहीँ सिंधिया के समर्थन में विधानसभा से इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल होने वाले पूर्व विधायक भी सदस्यता समाप्त होने के बाद अपने घरो पर बैठे हैं।
सूत्रों ने कहा कि कमलनाथ मध्य प्रदेश में डेरा डाले बैठे हैं। प्रदेश कांग्रेस की बागडोर अभी भी कमलनाथ के हाथ में है और वे अभी भी पूरी तरह सक्रिय हैं। इसलिए किसी भी समय कमलनाथ का वह कथन सच हो सकता है जिसमे इस्तीफा देने समय उन्होंने बीजेपी से कहा था कि ये नहीं भूलना चाहिए कि आज के बाद कल और उसके बाद परसो भी आता है।