मध्यप्रदेश: फिर मुश्किल में कमलनाथ, गायब विधायकों को लेकर सिंधिया का नाम आया सामने
भोपाल ब्यूरो। मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार के लिए एक बार फिर मुश्किल पैदा हो गई है। पिछले दिनों गायब हुए आठ विधायकों को ढूंढ़ निकालने के बाद एक बार फिर करीब 17 विधायकों के फोन बंद जा रहे हैं, इनमे राज्य सरकार के पांच मंत्री भी शामिल हैं।
कांग्रेस सूत्रों की माने तो सभी विधायक कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी हैं और उनकी लोकेशन कर्नाटक में बताई गई है। ऐसे में एक बार फिर कमलनाथ सरकार के लिए खतरा पैदा हो गया है।
इससे पहले आज मुख्यमंत्री कमलनाथ कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने दिल्ली पहुंचे थे। सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद कमलनाथ को कुछ मंत्रियों और विधायकों के बेंगलुरु के एक रिसोर्ट में पहुँचने की खबर मिली। जिसके बाद उन्हें आनन फ़ानन में तुरंत भोपाल वापस लौटना पड़ा।
सूत्रों की माने तो कमलनाथ राज्य सभा सीटों के लिए होने जा रहे चुनावो को लेकर कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने दिल्ली पहुंचे थे। वहीँ कहा जा रहा है कि कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया भी राज्यसभा जाने के इच्छुक हैं और सारा सियासी खेल राज्यसभा चुनावो के इर्दगिर्द ही चल रहा है।
हालाँकि दिल्ली में कमलनाथ ने मीडिया से बातचीत में कहा कि सब जानते हैं मध्य प्रदेश कांग्रेस में कोई गुटबाजी नहीं है। मैंने हर कांग्रेस कार्यकर्ता का साथ दिया है। मेरा कोई गुट नहीं है। गायब हुए विधायकों के बारे में कमलनाथ ने कहा-विधायकों ने तो यह बात भी बोली है कि वह तीर्थ यात्रा पर गए थे।
इस बीच कमलनाथ को खबर दी गई कि सवंत जाटव, मुन्नालाल गोयल, गिर्राज दंडोतिया, ओपीएस भदौरिया के अलावा कमलनाथ सरकार में मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, महिला विकास मंत्री इमरती देवी और स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट बेंगलुरु में हैं और उनके फोन बंद जा रहे हैं।
कमलनाथ के भोपाल पहुंचते ही सीएम आवास पर आपात बैठक बुलाई गई है। इस बैठक में कांग्रेस के दिग्गज दिग्विजय सिंह, विवेक तन्खा, जीतू पटवारी, गोविंद सिंह, बाला बच्चन आदि मौजूद हैं।
इस बीच ऐसी भी खबरें हैं कि ज्योतिरादित्य सिंधिया का मामला हाईकमान तक पहुँच चूका है और उन्हें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद देने का प्रस्ताव दिया गया है। हालाँकि कमलनाथ चाहते हैं कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद की ज़िम्मेदारी दिग्विजय सिंह को सौंपी जानी चाहिए, जिन्होंने नर्मदा यात्रा करके गुजरात के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बड़ा फायदा पहुँचाया था।
फिलहाल सभी की नज़रें सीएम हाउस में चल रही बैठक पर लगीं हैं। देखना है कि बैठक समाप्त होने के बाद कमलनाथ सरकार और मध्य प्रदेश कांग्रेस की तरफ से क्या बयान जारी किया जाता है।