एक के बदले दो: इन दो बीजेपी नेताओं को लेकर उडी खबर, इन पर है कांग्रेस की नज़र
नई दिल्ली। ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल होने से भले ही पार्टी हाईकमान ने कोई बड़ी प्रतिक्रिया नहीं दी है लेकिन मध्य प्रदेश कांग्रेस से जुड़े दिग्गज इसे प्रतिष्ठा का प्रश्न मान रहे हैं।
सूत्रों की माने तो फिलहाल कांग्रेस के चाणक्य कमलनाथ सरकार के फ्लोर टेस्ट की तैयारी में लगे हैं लेकिन साथ ही उनकी नज़र बीजेपी के दो दिग्गजों पर लगी हैं। सूत्रों के मुताबिक कमलनाथ सरकार को बचाने के लिए सभी आवश्यक तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
इस्तीफा देने वाले 22 में से 13 विधायकों ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह और मुख्यमंत्री कमलनाथ से बातचीत कर उन्हें आश्वस्त किया है कि वे कांग्रेस में बने रहेंगे और फ्लोर टेस्ट के दौरान कमलनाथ सरकार का साथ देंगे।
सूत्रों के मुताबिक अभी 3 अन्य विधायकों से भी बातचीत की जा रही है और उम्मीद की जा रही है कि अगले एक दो दिन में 22 में से 16-17 विधायकों को वापस बुला लिया जाएगा। मुख्यमंत्री कमलनाथ फ्लोर टेस्ट को लेकर आश्वस्त इसलिए भी दिख रहे हैं क्यों कि चार निर्दलीय विधायकों के अलावा बसपा और सपा के विधायकों ने भी बीजेपी के साथ जाने से इंकार कर दिया है। ऐसे में कांग्रेस विधायकों की तादाद 110 तक पहुँच सकती है।
वहीँ दूसरी तरफ ज्योतिरादित्य सिंधिया के धुर विरोधी कहे जाने वाले बीजेपी नेता और पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया को लेकर कांग्रेस में चर्चाएं शुरू हो गई हैं। चर्चाएं तो राज्य सभा सांसद प्रभात झा को लेकर भी हो रही हैं लेकिन प्रभात झा ने कांग्रेस में जाने की चर्चाओं को महज अफवाह करार दिया है।
ग्वालियर-चंबल अंचल में अपना दबदबा और दखल रखने वाले पूर्व मंत्री जयभान पवैया को लेकर कहा जाता है कि वे शुरू से सिंधिया परिवार के धुर विरोधी रहे हैं। अब ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में आने के बाद जयभान पवैया को लेकर तरह तरह की चर्चाएं हैं। कहा जा रहा है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में आने के बाद जयभान पवैया किसी हाल में बीजेपी में नहीं रहेंगे और वे कांग्रेस के सम्पर्क में आ चुके हैं।
फिलहाल जयभान पवैया की तरफ से किसी तरह की कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी है। वहीँ सांसद प्रभात झा ने सोशल मीडिया पर वायरल हुई खबरों को ख़ारिज करते हुए पार्टी से किसी तरह की नाराज़गी न होने की बात कही है।
फिलहाल देखना है कि कमलनाथ सरकार यदि फ्लोर टेस्ट में खुद को साबित कर पाती है तो क्या उसके बाद पार्टी ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में जाने का हिसाब चुकता कर पाती है अथवा नहीं।