मांझी ने कहा ‘राम काल्पनिक हैं, हम भगवान नहीं मानते’,बीजेपी ने कहा ‘इस्लाम ग्रहण कर लें’
पटना। बिहार की नीतीश सरकार में शामिल हिंदुस्तान आवाम मोर्चा (हम) के नेता जीतनराम मांझी लगातार ऐसे बयान दे रहे हैं जिससे सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड और बीजेपी के लिए मुश्किलें पैदा हो रही हैं।
अब जीतनराम मांझी ने मर्यादा पुरुषोत्तम राम के अस्तित्व को नकार दिया है और उन्हें काल्पनिक करार दिया है। हालांकि जीतनराम मांझी के बयान पर बीजेपी ने तुरंत पलटवार करते हुए उन्हें इस्लाम धर्म ग्रहण करने की सलाह दे दी।
पटना में आयोजित ‘भुइया मिलन समारोह’ में अपने संबोधन ने पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने कहा कि हम राम को भगवान नहीं मानते हैं, वो काल्पनिक थे। मांझी ने कहा कि हम राम को नहीं मानते हैं वो आदमी नहीं था, काल्पनिक है वो। मूर्ति पूजते हैं, देवता पूजते हैं इसलिए आस्था वो है।
इतना ही नहीं जीतनराम मांझी ने कहा कि रामायण लिखी गई है, लेकिन उसमें बहुत सी पंक्तियां हैं जो पढ़ने योग्य हैं, समझने योग्य हैं। उसकी भी कहीं-कहीं हमलोग चर्चा करते हैं, लेकिन राम भगवान थे ये हम मानने को तैयार नहीं हैं।
वहीँ राम को भगवान न मानने वाले जीतनराम मांझी के बयान पर बीजेपी ने पलटवार में कहा कि अगर उन्हें राम पर विश्वास नहीं है तो मुस्लिम धर्म अपना लें। प्रदेश भाजपा इकाई के प्रवक्ता मनोज शर्मा ने कहा, ‘भगवान राम एक संस्कार है, राम एक संस्कृति है, राम एक प्रेरणा है, राम राम मर्यादा है, राम पुरुषोत्तम है। जिन लोगों को राम के अस्तित्व पर संदेह है, वो पहले अपने नाम से राम का परित्याग कर दें।
तेजस्वी यादव की बेरोज़गारी यात्रा का किया समर्थन:
जीतनराम मांझी पिछले कुछ दिनों में अपने बयानों से सरकार के लिए मुश्किलें पैदा कर चुके हैं। अब जीतनराम मांझी ने तेजस्वी यादव की बेरोजगारी यात्रा का समर्थन किया है। इसके बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि जीतनराम मांझी का नीतीश सरकार और बीजेपी से मोहभंग हो गया है और वे कभी भी सरकार से समर्थन वापस ले सकते हैं।
मांझी ने तेजस्वी यादव की बेरोज़गारी यात्रा का समर्थन करते हुए कहा कि बिहार में सबसे ज्यादा बेरोजगार हैं और अगर इस मुद्दे को उठाने के लिए तेजस्वी यादव यात्रा करते हैं तो इस पर सवाल उठाने का क्या मतलब है? तेजस्वी एक राजनीतिक दल चला रहे हैं और मुद्दों को उठाने का उनका अधिकार है।