मांझी को मिली सात सीटों में से तीन सीटों पर उनके परिवार के लोग उम्मीदवार

मांझी को मिली सात सीटों में से तीन सीटों पर उनके परिवार के लोग उम्मीदवार

पटना ब्यूरो। बिहार में विधानसभा चुनाव के लिए अधिकांश दलों ने अपने उम्मीदवारों के नाम का एलान कर दिया है और उम्मीदवारों को सिंबल दिए जाने का काम जारी है।

एनडीए में लोकजनशक्ति पार्टी के आउट होने के बाद सिर्फ तीन जेडीयू, बीजेपी और हम ही बचे हैं। वहीँ महागठबंधन में भी ऐसा ही कुछ हाल है। महागठबंधन में से हम, रालोसपा और वीआईपी पार्टी के आउट होने के बाद राजद, कांग्रेस, सीपीआई (माले), सीपीआई और सीपीएम बचे हैं।

इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तान आवाम मोर्चा (हम) को एनडीए में सिर्फ सात सीटें ही मिली हैं। अहम बात यह है कि मांझी को मिली सीटों में से तीन पर उनके परिवार के लोग चुनाव लड़ेंगे।

खुद जीतन राम मांझी गया के इमामगंज विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे वहीँ बाराचट्टी विधानसभा सीट से उनकी समधन ज्योति देवी और उनके दामाद देवेंद्र मांझी मखदुमपुर सीट से चुनाव लड़ेंगे। शेष रही सीटों में टेकारी विधानसभा सीट से पूर्व मंत्री डॉक्टर अनिल कुमार, सिकंदरा से प्रफुल्ल कुमार मांझी, कसबा से राजेंद्र यादव और कुटुंबा से श्रवण भुइयां को पार्टी ने अपना उम्मीदवार बनाया है।

सात सीटों में से तीन सीटें परिवार में बांटने के बाद हिंदुस्तान आवाम मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने जीतन राम मांझी को धृतराष्ट्र बताया है। नाराज़ कार्यकर्ताओं की मांग है कि कम से कम एक सीट पर पार्टी के कार्यकर्ता को उम्मीदवार बनाया जाना चाहिए।

जीतनराम मांझी द्वारा परिजनों को उम्मीदवार बनाये जाने से नाराज़ हम के कार्यकर्त्ता धरने पर बैठ गए और मांझी के खिलाफ नारेबाजी की। कार्यकर्ताओं ने कहा कि चुनाव जिताने के लिए कार्यकर्त्ता मेहनत करता है लेकिन टिकिट परिवार के लोगों के बीच बांट लेना अच्छे संकेत नहीं हैं।

वहीँ जीतनराम मांझी का कहना है कि उन्हें एनडीए से उतनी सीटें नहीं मिलीं जितनी की उन्हें अपेक्षा था। इसलिए सभी को टिकिट दे पाना संभव नहीं है। मांझी ने कहा कि वे पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठकर बात करेंगे।

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TeamDigital