मॉब लिंचिंग के खिलाफ झारखंड विधानसभा में बिल पास, उम्र कैद तक का प्रावधान
रांची। झारखंड में मॉब लिंचिंग के खिलाफ ‘भीड़ हिंसा रोकथाम और मॉब लिंचिंग विधेयक, 2021’ बिल पास हो गया है। भीड़ तंत्र द्वारा की जाने वाली हिंसा के खिलाफ यह विधेयक लाया गया है। इस कानून के तहत उम्र कैद तक की सजा का प्रावधान है।
सरकार के मुताबिक, इस कानून के तहत गैर जिम्मेदार तरीके से किसी सूचना को शेयर करना, पीड़ितों और गवाहों के लिए शत्रुतापूर्ण वातावरण बनाने पर भी एफआईआर दर्ज की जाएगी, साथ ही पीड़ितों का मुफ्त उपचार भी इस कानून के प्रावधान में है।
‘भीड़ हिंसा रोकथाम और मॉब लिंचिंग विधेयक, 2021’ को मंगलवार को राज्य विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में पेश किया गया। विधेयक के अनुसार, इसका उद्देश्य “प्रभावी सुरक्षा” प्रदान करना है। इसके साथ ही संवैधानिक अधिकार और भीड़ की हिंसा की रोकथाम इसका उद्देश्य है। इससे पहले पश्चिम बंगाल और राजस्थान में मॉब लिंचिंग के खिलाफ कानून बना है।
बिल में मॉब लिंचिंग को कहा गया है कि किसी ऐसी भीड़ द्वारा धार्मिक, रंग भेद, जाति, लिंग, जन्मस्थान या किसी अन्य आधार पर हिंसा करना मॉब लिंचिंग कहलाएगा। वहीं इस घटना को दो या दो से ज्यादा लोगों के द्वारा किया जाएगा तो उसे मॉब कहा जाएगा।
इस बिल में लिंचिंग के दोषी पाए जाने वालों के लिए जुर्माने और संपत्तियों की कुर्की के अलावा तीन साल से लेकर उम्रकैद तक की जेल की सजा का प्रावधान है।
इसके अतिरिक्त, यह कानून “शत्रुतापूर्ण वातावरण” बनाने वालों के लिए तीन साल तक की कैद और जुर्माना की अनुमति देता है। शत्रुतापूर्ण वातावरण की परिभाषा में पीड़ित, पीड़ित के परिवार के सदस्यों, गवाह या गवाह/पीड़ित को सहायता प्रदान करने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ धमकी या जबरदस्ती करना शामिल है।