एनआरसी में संशोधन पर बीजेपी का साथ नहीं देंगे नीतीश, पीके बोले ‘ये नागरिकता की नोटबंदी’

नई दिल्ली। नागरिकता कानून को लेकर जनता दल यूनाइटेड दो फाड़ होता नज़र आ रहा है। संसद के दोनों सदनों में नागरिकता संशोधन विधेयक पर जनता दल यूनाइटेड द्वारा सरकार का समर्थन किये जाने के बाद अब पार्टी के अंदर इस मुद्दे पर अलग अलग राय सामने आने लगी हैं।
शनिवार को जनता दल यूनाइटेड के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात कर नागरिकता कानून के मुद्दे पर अपना इस्तीफा देने की पेशकश की थी लेकिन नीतीश कुमार ने इसे यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया था कि उनकी पार्टी एनआरसी में संशोधन के मुद्दे पर केंद्र के साथ नहीं है।
प्रशांत किशोर ने कहा कि उनकी पार्टी के अध्यक्ष नीतीश कुमार केंद्र सरकार द्वारा देशभर में लागू किए जाने वाले राष्ट्रीय नागरिकता पंजीकरण (एनआरसी) के खिलाफ है।
उन्होंने बताया कि बिहार में भाजपा की सहयोगी पार्टी जिसने संसद में नागरिकता संशोधन अधिनियम (कैब) पर सरकार का साथ दिया था, उसने आधिकारिक तौर पर एनआरसी के लिए मना कर दिया है।
प्रशांत किशोर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात के बाद कहा कि ‘मुख्यमंत्री का कहना है कि कैब नागरिकता देने के लिए है लेकिन यदि इसे एनआरसी से जोड़ा जाएगा तो यह भेदभावपूर्ण बन जाएगा।’
वहीँ प्रशांत किशोर के बयान की पुष्टि करते हुए जनता दल यूनाइटेड के प्रवक्ता के सी त्यागी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि पार्टी एनआरसी पर सरकार को समर्थन नहीं करेगी।
रविवार को भी जेडीयू के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने अपने ट्वीट जारी रखते हुए कहा कि एनआरसी का विचार नागरिकता के नोटबंदी की तरह से है। यह तब तक अवैध है जब तक कि आप इसे साबित नहीं कर देते हैं। इसके सबसे ज्यादा शिकार वे लोग होंगे जो अधिकारविहिन और गरीब हैं। हम अनुभव से यह जानते हैं। मैं पीछे नहीं हट रहा।