तमाम कोशिशों के बाद भी बिहार के पूर्व डीजीपी को नहीं मिला टिकिट, अब दी ये सफाई
पटना ब्यूरो। बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले स्वेच्छिक रिटायरमेंट (वीआरएस) लेकर जनता दल यूनाइटेड में शामिल हुए पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे की चुनाव लड़ने की सभी अटकलें उस समय खत्म हो गयीं जब उम्मीदवारों की लिस्ट में उनका नाम गायब मिला।
सुशांत सिंह राजपूत केस में पोलिटिकल लीडर कोई तरह बयान देने वाले गुप्तेश्वर पांडे ने जनता दल यूनाइटेड से टिकिट न मिलने पर सफाई दी है। पूर्व डीजीपी ने अपनी सफाई में कहा, “मेरे VRS लेने और पार्टी की सदस्यता लेने को सीधे चुनाव से जोड़कर देखना ठीक नहीं है। चुनाव लड़ने की संभावना थी, किसी कारणवश ये समीकरण नहीं बैठा। राजनीति में बहुत सारी मजबूरियां होती हैं लेकिन मैं एनडीए के साथ हूं और एनडीए के साथ रहूंगा।”
महाराष्ट्र की राजनीति से टिकट न मिलने के सवाल पर बिहार के पूर्व जीडीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि सुशांत की मौत के मामले में मैंने जो भी किया उसमें मैंने न कोई गलती की, न मुझे उसका कोई अफसोस है।
हालांकि इससे पहले बुधवार को गुप्तेश्वर पांडे ने अपने फेसबुक पोस्ट में उम्मीदवारों की लिस्ट में अपना नाम न आने पर अपने शुभचिंतको से धीरज रखने के लिए कहा था। उन्होंने लिखा कि “अपने अनेक शुभचिंतकों के फोन से परेशान हूं। मैं उनकी चिंता और परेशानी भी समझता हूं। मेरे सेवामुक्त होने के बाद सबको उम्मीद थी कि मैं चुनाव लड़ूंगा, लेकिन मैं इस बार विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ रहा। हताश निराश होने की कोई बात नहीं है। धीरज रखें।”
वहीँ जनता दल यूनाइटेड सूत्रों का कहना है कि गुप्तेश्वर पांडे बिहार की बक्सर विधानसभा सीट से टिकिट चाहते थे, यह सीट भारतीय जनता पार्टी के कोटे में गई है। इसलिए गुप्तेश्वर पांडे को टिकिट मिल पाना संभव नहीं था। अब जनता दल यूनाइटेड की तरफ से सभी सीटों के लिए उम्मीदवारों के नाम का एलान होने के बाद बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे के विधानसभा चुनाव लड़ने की सभी उम्मीदें समाप्त हो चुकी हैं।
बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे को टिकिट न मिलने के सवाल पर महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि “ये पार्टी का निजी मामला है, हमने सवाल किया था कि क्या भाजपा के नेता गुप्तेश्वर पांडेय के प्रचार में जाएंगे? शायद इस सवाल के डर से उनको टिकट नहीं दिया होगा।”