फारूक अब्दुल्ला को नमाज़ के लिए नहीं जाने दिया घर से बाहर, नेशनल कांफ्रेंस ने जताई नाराज़गी

फारूक अब्दुल्ला को नमाज़ के लिए नहीं जाने दिया घर से बाहर, नेशनल कांफ्रेंस ने जताई नाराज़गी

नई दिल्ली। शुक्रवार को जुमा और ईद- मिलाद- उन-नबी के अवसर पर नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला डल झील के किनारे स्थित हजरतबल दरगाह में बनी मस्जिद में जाकर नमाज़ पढ़ना चाहते थे लेकिन प्रशासन ने उन्हें घर से बाहर नहीं जाने दिया।

नेशनल कांफ्रेंस ने ट्वीट कर यह जानकारी दी है। पार्टी की तरफ से शुक्रवार को ट्वीट कर कहा गया कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने पार्टी अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला के आवास को पूरी तरह से बंद कर दिया है। उन्हें नमाज पढ़ने के लिए दरगाह हजरतबल जाने से भी रोक दिया गया। पार्टी ने कहा कि ईद- मिलाद-उन-नबी के पवित्र अवसर पर प्रार्थना के मौलिक अधिकार के उल्लंघन की निंदा करता है।

हालांकि नेशनल कांफ्रेंस के आरोपों पर जम्मू कश्मीर प्रशासन ने ख़ामोशी साध ली है। राज्य प्रशासन की तरफ से नेशनल कांफ्रेंस के आरोपों को लेकर कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।

गौरतलब है जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद नज़रबंद किये गए तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों फारूक अब्दुल्ला, महबूबा मुफ़्ती और उमर अब्दुल्ला की रिहाई के बाद जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 की बहाली की मांग भी जोर पकड़ रही है।

इस बीच जम्मू कश्मीर और लद्दाख के लिए ज़मींन के मालिकाना हक के कानून में बदलाव को लेकर केंद्र सरकार द्वारा मंगलवार को जारी किये गए नोटिफिकेशन को लेकर राज्य में नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी सहित क्षेत्रीय राजनैतिक दल विरोध कर रहे है।

अभी हाल ही में नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने मोदी सरकार के इस फैसले पर विरोध जताते हुए ट्वीट कर कहा था कि “जम्मू-कश्मीर में जमीन के मालिकाना हक के कानून में जो बदलाव किए गए हैं, वो कबूल करने लायक नहीं हैं। अब तो बिना खेती वाली जमीन के लिए स्थानीयता का सबूत भी नहीं देना है। अब जम्मू-कश्मीर बिक्री के लिए तैयार है, जो गरीब जमीन का मालिक है, अब उसे और मुश्किलें झेलनी होंगी।”

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TeamDigital