जाधवपुर यूनिवर्सिटी के छात्रों ने राज्यपाल को फिर रोका, दिखाए काले झंडे

जाधवपुर यूनिवर्सिटी के छात्रों ने राज्यपाल को फिर रोका, दिखाए काले झंडे

कोलकाता। नागरिकता संशोधन एक्ट के विरोध में प्रदर्शन कर रहे जाधवपुर यूनिवर्सिटी के छात्रों ने राज्य के राज्यपाल जगदीप धनकड़ को न सिर्फ काले झंडे दिखाए बल्कि उन्हें वापस लौटने को मजबूर कर दिया।

गौरतलब है कि इससे पहले सोमवार को जब राज्यपाल जगदीप धनकड़ दीक्षांत समारोह में भाग लेने पहुंचे थे तब भी छात्रों ने उनका विरोध किया था और उनकी कार को घेरकर प्रदर्शन किया था। इस दौरान करीब 45 मिनट तक राज्यपाल अपनी कार से बाहर नहीं निकल पाए थे और बाद में सुरक्षा गार्ड की मदद से उन्हें बाहर निकाला गया।

मंगलवार को राज्यपाल जगदीप धनकड़ एक आवश्यक बैठक में भाग लेने के लिए जाधवपुर यूनिवर्सिटी पहुंचे थे। इस दौरान नागरिकता संशोधन एक्ट के विरोध में प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने उनका काफिला रोक लिया।

छात्रों ने राज्यपाल की कार को रोककर काले झंडे दिखाए और गोबैक (Go back) के नारे लगाए। काफी देर तक राज्यपाल जगदीप धनकड़ वहां फंसे रहे और छात्रों ने उनकी कार को नहीं निकलने दिया।

तमाम कोशिशों के बावजूद राज्यपाल जगदीप धनकड़ बैठक में भाग लेने नहीं जा सके और अंततः उन्हें वापस लौटना पड़ा। प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने उन्हें काले झंडे दिखाए और मोदी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

राज्यपाल जगदीप धनकड़ ने वापस जाने से पहले कहा कि “एक चांसलर और राज्यपाल के तौर पर यह मेरे लिए पीड़ादायक क्षण है। राज्य में कानून व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। सरकार ने शिक्षा को बंदी बना लिया है।”

छात्रों के ज़बरदस्त विरोध के बीच राज्यपाल ने ट्वीट कर कहा कि ‘जाधवपुर विश्वविद्यालय में हूं ताकि छात्रों को अपनी मेहनत का फल मिल सके और वह समाज में अपना योगदान दे सकें। दुर्भाग्य से विश्वविद्यालय के अंदर मौजूद कार्यक्रम स्थल का रास्ता बंद है। अस्वाभाविक। कार्रवाई के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए हैं। चिंतापूर्ण परिस्थिति है।’

उन्होंने कहा, ‘रास्ता रोकने वालों की संख्या केवल पचास के आसपास है। सिस्टम को बंधक बना लिया गया है और कार्य से जुड़े लोग अपने दायित्वों से बेखबर हैं। यह एक तरह का पतन है जो केवल अनचाहे परिणामों को जन्म दे सकता है। यहां कानून के नियम कहीं दिखाई नहीं दे रहे हैं। यह संवैधानिक प्रमुख से संबंधित है।’

राज्यपाल ने लिखा कि ‘ऐसी परिस्थितियों में मीडिया को लोक कल्याण पर भी ध्यान देने और यह संकेत देने की आवश्यकता है कि छात्र हितों को खतरे में नहीं डाला जा सकता है।’

एक अन्य ट्वीट में जगदीप धनकड़ ने कहा, ‘एक पीड़ादायक परिदृश्य कि जादवपुर विश्वविद्यालय के कुलपति अपने दायित्वों के बारे में जान-बूझकर अनजान हैं और बहानों की तलाश कर रहे हैं। वह कानून के शासन के पतन की अध्यक्षता कर रहे हैं।’

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TeamDigital