सीएए को लेकर मंच पर राज्यपाल से भिड़ गए इतिहासकार इरफ़ान हबीब

सीएए को लेकर मंच पर राज्यपाल से भिड़ गए इतिहासकार इरफ़ान हबीब

नई दिल्ली। केरल के कन्नूर विश्वविद्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में नागरिकता संशोधन एक्ट पर इतिहासकार इरफ़ान हबीब मंच पर ही राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान से भिड़ गए।

दरअसल राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान भारतीय इतिहास कांग्रेस के 80वें सत्र का उद्घाटन भाषण दे रहे थे, तो उन्होंने नागरिकता संशोधन कानून को जायज ठहराने लगे।

आरिफ मोहम्मद खान ने अपने भाषण में मौलाना आज़ाद को कोट किया, इस पर वहां बैठे लोगों ने राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान का विरोध किया। इस दौरान इतिहासकार इरफान हबीब मंच पर चढ़ गए।

इतिहासकार इरफ़ान हबीब ने राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान द्वारा मौलाना आज़ाद को कोट किये जाने पर गुस्से का इजहार किया। आरोप है कि इरफान ने राज्यपाल की सुरक्षा में तैनात कर्मियों से धक्का-मुक्की भी की।

केरल गवर्नर के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से किए ट्वीट में कहा गया है, “इरफान हबीब ने राज्यपाल के उद्घाटन भाषण को बाधित करने की कोशिश की। उन्होंने मौलाना अबुल कलाम आजाद को कोट करने पर राज्यपाल के कहा कि उन्हें गोडसे को कोट करना चाहिए। उन्होंने राज्यपाल के एडीसी और सुरक्षाकर्मी को धक्का भी दिया।”

राज्यपाल ने कहा, “आपको विरोध करने का पूरा अधिकार है, मगर मुझे चुप नहीं करा सकते. जब आप बहस और चर्चा के दरवाजे बंद करते हैं तो आप हिंसा को बढ़ावा दे रहे हैं।” राज्यपाल ने यह भी कहा कि वह इस मसले पर नहीं बोलने वाले थे, मगर जब पूर्व के वक्ताओं ने सीएए पर बोलना शुरू किया तो उन्हें भी लगा कि सवालों का जवाब देना चाहिए।

गौरतलब है कि इतिहासकार इतफान हबीब अहम मुद्दों पर अपनी राय देश के समक्ष रखते रहे हैं। इतिहास का जानकार होने के कारण यदि कोई इतिहास से जुड़े तथ्य गलत पेश करता है तो इरफ़ान हबीब निर्भीकता से विरोध करते हैं, फिर भले ही तथ्य पेश करने वाला कितने ही बड़े ओहदे पर क्यों न हो।

केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान मौलाना आज़ाद को जहाँ कोट कर रहे थे वह ऐतिहासिक तथ्यों से परे था, इसलिए इरफ़ान हबीब ने उन्हें रोककर सही करने की कोशिश की।

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TeamDigital