राजस्थान में एकजुट हुए सत्तारूढ़ दल के विधायक, 13 निर्दलीय विधायकों से गहलोत की बैठक
जयपुर ब्यूरो। राजस्थान में समय रहते कांग्रेस ने अपने सभी विधायकों को एकजुट कर लिया है। राज्य सभा चुनाव के लिए सियासी दांव पेंचो के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने निर्दलीय विधायकों के साथ भी बैठक की है और सभी विधायक एकजुट हैं।
इससे पहले कल कांग्रेस ने दावा किया कि राज्य सभा चुनाव के लिए उसके बाद बहुमत से अधिक संख्याबल मौजूद है और वह आसानी से दो सीटें जीत जायेगी। कांग्रेस ने राज्य की दो सीटों के लिए पार्टी के महासचिव केसी वेणुगोपाल और नीरज डांगी को उम्मीदवार बनाया है।
पार्टी महासचिव अविनाश पांडे ने कहा कि हमारे पास बहुमत के लिए आवश्यक संख्या से अधिक है। लोकतंत्र का गला घोंटने की इस जबरदस्त कोशिश में बीजेपी को करारी हार का सामना करना पड़ेगा।
राजस्थान में राज्यसभा की तीन सीटों पर चुनाव होना है। तीन सीटों के लिए चार उम्मीदवार मैदान में हैं। संख्याबल के हिसाब से कांग्रेस को दो सीटें और बीजेपी को एक सीट मिलने की संभावना है। कांग्रेस को बहुजन समाज पार्टी के 06 और 13 निर्दलीय विधायकों का समर्थन भी प्राप्त है।
गुजरात में बीजेपी द्वारा कांग्रेस विधायकों में की गई सेंधमारी को ध्यान में रखकर राजस्थान में कांग्रेस ने अपने सभी विधायकों को एक रिजॉर्ट में ठहराया हुआ है। पार्टी सूत्रों की माने तो कांग्रेस विधायकों को रिजॉर्ट में ठहराने के फैसला उस समय लिया गया जब राज्य में कुछ विधायकों को प्रलोभन देने के मामले का खुलासा हुआ।
सूत्रों के मुताबिक देर रात ही सभी विधायकों से संपर्क साधा गया और उनसे बातचीत की गई। सूत्रों ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बहुजन समाज पार्टी के 06 और 13 निर्दलीय विधायकों से देर रात फोन पर बात कर बीजेपी के षड्यंत्र की जानकारी जुटाई।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई को बताया कि “मध्यप्रदेश वाला खेल ही यहां खेला जा रहा था,हमारे विधायक बहुत समझदार हैं। उनको खूब लालच-लोभ देने की कोशिश की गई। मुझे गर्व इस बात का है कि हमारे साथ BSP के 6 और 13 निर्दलीय विधायक आए हैं। हिन्दुस्तान के इतिहास में राजस्थान पहला ऐसा राज्य है जहां एक रुपये का सौदा नहीं हुआ।”