कांग्रेस सांसदों को सोनिया गांधी का निर्देश, ‘अपने क्षेत्रो में जनता से जुड़े राष्ट्रीय मुद्दे उठायें’
नई दिल्ली। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बुधवार को कांग्रेस के लोकसभा सांसदों के साथ बैठक की। शीतकालीन सत्र में कई अहम मुद्दों को लेकर सरकार को विपक्ष लगातार घेर रहा है। इस बीच संसद के दोनों सदन लोकसभा और राज्य सभा को अनिश्चित काल के लिए स्थगित किये जाने के बाद सोनिया गांधी द्वारा बुलाई गई इस बैठक को बेहद अहम माना जा रहा है।
पीटीआई-भाषा के मुताबिक कांग्रेस सांसदों की बैठक में सोनिया गांधी ने निर्देश दिए कि कांग्रेस के सदस्य राष्ट्रीय मुद्दों को प्रमुखता से उठायें। न्यूज़ एजेंसी के मुताबिक, बैठक में शामिल एक सांसद ने बताया, ‘‘कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि हमें अपने क्षेत्रों में जनता से जुड़े राष्ट्रीय मुद्दों को उठाना है। महंगाई, बेरोजागारी, टीकाकरण की धीमी गति, अर्थव्यवस्था की स्थिति जैसे कई मुद्दे हैं जिनको हम जनता के बीच उठाएंगे।’’
राज्यसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित:
राज्यसभा की कार्यवाही निर्धारित तिथि से एक दिन पहले ही बुधवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई और सभापति एम वेंकैया नायडू ने इस शीतकालीन सत्र के दौरान सदन के कामकाज पर चिंता और अप्रसन्नता जतायी।
सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किए जाने से पहले अपने पारंपरिक संबोधन में नायडू ने कहा सदस्यों से सामूहिक रूप से चिंतन करने और सत्र को लेकर आत्मनिरीक्षण करने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा, “सदन का शीतकालीन सत्र आज समाप्त हो रहा है। मुझे आपको यह बताते हुए खुशी नहीं महसूस हो रही कि सदन ने अपनी क्षमता से काफी कम काम किया। मैंने आप सभी से सामूहिक और व्यक्तिगत रूप से आत्मचिंतन करने का आग्रह किया कि क्या यह सत्र भिन्न और बेहतर हो सकता था। मैं इस सत्र को लेकर विस्तार से नहीं बोलना चाहता क्योंकि यह मुझे आलोचनात्मक दृष्टिकोण अपनाने के लिए प्रेरित करेगा।’’
अब तक इतना हुआ कामकाज:
राज्यसभा सचिवालय से मिली जानकारी के अनुसार संपन्न हुए शीतकालीन सत्र की 18 बैठकों के दौरान राज्यसभा की उत्पादकता 47.90 प्रतिशत रही और कुल निर्धारित बैठक समय 95 घंटे छह मिनट में से सदन केवल 45 घंटे 34 मिनट ही कार्य कर सका।
सदन में हंगामे, व्यवधानों और स्थगन के कारण कुल 49 घंटे 32 मिनट का समय नष्ट हुआ जो कुल उपलब्ध समय का 52.08 प्रतिशत है। सत्र के दौरान प्रश्नकाल बुरी तरह प्रभावित हुआ और कुल प्रश्नकाल का 60.60 प्रतिशत व्यवधानों के कारण नष्ट हो गया। प्रश्नकाल 18 में से सात बैठकों में शुरू ही नहीं हो सका।
राज्यसभा में शीतकालीन सत्र के दौरान 10 विधेयक पारित हुए जबकि विनियोग विधेयक पर आज होने वाली चर्चा पूरी नहीं हुयी। विनियोग विधेयक सहित सरकारी विधेयकों पर कुल 21 घंटे सात मिनट चर्चा हुयी जो सदन के कामकाज के समय का 46.50 प्रतिशत होता है।
शीतकालीन सत्र के दौरान शून्यकाल के लिए उपलब्ध कुल समय का केवल 30 प्रतिशत समय का ही उपयोग हो सका और 18 बैठकों के दौरान लोक महत्व के केवल 82 मुद्दे ही उठाए गए वहीं विशेष उल्लेख के जरिए 64 मुद्दे उठाए गए।
संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर को शुरू हुआ था और यह 23 दिसंबर को समाप्त होना था। लेकिन एक दिन पहले ही उच्च सदन की बैठक अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई।