लव जिहाद पर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: सबको अपना जीवनसाथी चुनने का अधिकार

लव जिहाद पर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: सबको अपना जीवनसाथी चुनने का अधिकार

लखनऊ ब्यूरो। लव जिहाद को लेकर भले ही बीजेपी शासित राज्यों में कानून बनाये जाने की बात चल रही है। इस बीच इलाहबाद हाईकोर्ट के एक फैसले से सरकार को बड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि सभी को अपना जीवन साथी चुनने का अधिकार है, सरकार इसमें दखल नहीं दे सकती।

कोर्ट ने अपने अहम फैसले में यह भी कहा है कि कानून दो बालिग व्यक्तियों को एक साथ रहने की इजाजत देता है, चाहे वे समान या विपरीत सेक्स के ही क्यों न हों।

कुशीनगर थाना के सलामत अंसारी और तीन अन्य की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने अपने अहम फैसले में कहा कि कानून एक बालिग स्त्री या पुरुष को अपना जीवन साथी चुनने का अधिकार देता है। अदालत ने कहा है कि उनके शांतिपूर्ण जीवन में कोई व्यक्ति या परिवार दखल नहीं दे सकता है।

गौरतलब है कि सलामत और प्रियंका खरवार ने परिवार की मर्जी के खिलाफ शादी की है। दोनों ने मुस्लिम रीति रिवाज के साथ 19 अगस्त 2019 को शादी की। शादी के बाद प्रियंका खरवार ने अपना नाम बदलकर आलिया कर लिया। इस मामले में प्रियंका खरवार के परिजनों ने एफआईआर दर्ज कराई है। एफआईआर में उन्होंने कहा है कि उनकी बेटी को बहला-फुसलाकर भगा ले जाया गया है। एफआईआर में आरोपी के खिलाफ पोक्सो एक्ट लगाया गया है।

इस मामले में जस्टिस पंकज नकवी और जस्टिस विवेक अग्रवाल की डिवीजन बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा कि प्रियंका खरवार उर्फ आलिया की उम्र 21 वर्ष है। कोर्ट ने प्रियंका खरवार उर्फ आलिया को अपने पति के साथ रहने की छूट दी है। इतना ही नहीं कोर्ट ने यह भी कहा कि इस मामले में पोक्सो एक्ट नहीं लागू होता है।

कोर्ट ने कहा प्रियंका खरवार और सलामत को अदालत हिंदू और मुस्लिम के रूप में नहीं देखती है। इसके साथ ही कोर्ट ने याचियों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द कर दिया है। अदालत ने कहा कि ये प्रियंका खरवार की मर्जी है कि वो किससे मिलना चाहती है।

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TeamDigital