कभी राहुल के ख़ास थे हेमंत बिस्व सरमा, अब बने असम के मुख्यमंत्री

कभी राहुल के ख़ास थे हेमंत बिस्व सरमा, अब बने असम के मुख्यमंत्री

नई दिल्ली। हेमंत बिस्व सरमा को असम बीजेपी विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद उनके मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ़ हो गया है। वे सोमवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।

इससे पहले आज गुवाहाटी में हुई बीजेपी विधायक दल की बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री सर्वदानंद सोनोवाल ने हेमंत बिस्व सरमा को नेता विधायक दल बनाये जाने का प्रस्ताव रखा जिसे सभी विधायकों ने स्वीकार कर लिया।

बैठक में शामिल हुए कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तौमर ने कहा कि चुनाव में हमारी सरकार की लोकप्रियता पूरी तरह बरकरार थी। CM और मंत्रियों के बारे में कोई टिप्पणी नहीं करता था। 5 साल सरकार चलाने के बाद अगर हमारी विश्वसनीयता स्थिर रहती है तो किसी भी राजनीतिक दल के लिए इससे बड़ी पूंजी नहीं हो सकती।

हेमंत बिस्व सरमा असम में सर्वदानंद सोनोवाल के नेतृव वाली पिछली सरकार में भी मंत्री थे। हालांकि हेमंत बिस्व सरमा और बीजेपी की दोस्ती बहुत पुरानी नहीं है। वे 23 अगस्त 2015 को भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए थे।

हेमंत बिस्व सरमा कभी राहुल गांधी के करीबी सिपहसालारों में से एक थे। सरमा पहली बार वर्ष 2001 में जालुकबाड़ी विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। इसके बाद वे इसके बाद 2006, 2011 में भी कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में इसी सीट से चुनाव जीते।

वहीँ बीजेपी में शामिल होने के बाद हेमंत बिस्व सरमा ने 2016 और 2021 में बीजेपी उम्मीदवार के तौर पर जालुकबाडी सीट पर चुनाव लड़ा और लगातार जीत हासिल की।

इसलिए छोड़ी कांग्रेस:

बताया जाता है कि साल 2011 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत में उन्होंने बड़ी भूमिका निभाई थी। उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मिलने की तमाम कोशिशें कीं और इस कोशिश के तहत वे 8-9 बार दिल्ली गए लेकिन राहुल गांधी ने उनमे मिलने के लिए समय नहीं दिया।

2011 के चुनाव में कांग्रेस की जीत में बड़ी भूमिका अदा किये जाने के बावजूद कांग्रेस में तवज्जो नहीं मिलने से नाराज़ होकर हेमंत बिस्व सरमा बीजेपी में शामिल हो गए थे।

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TeamDigital