झारखंड सरकार का आदेश: कोई भी प्रवासी मजदूर पैदल जाने को मजबूर न हो
रांची। प्रवासी मजदूरों को लेकर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का बड़ा बयान आया है। उन्होंने कहा कि कोई भी प्रवासी मजदूर अपने घर जाने के लिए पैदल सड़को पर चलता न दिखे, ऐसे परिवारों को तुरंत वाहनों की व्यवस्था कराकर उनके गंतव्य तक छोड़ा जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी ज़िलों के अधिकारी एवं झारखंड पुलिस यह सुनिश्चित करे कि कोई भी व्यक्ति चाहे वो झारखण्ड का हो या दूसरे राज्य का, झारखण्ड में पैदल अपने गंतव्य को ना जाये।
मुख्यमंत्री ने राज्य के अधिकारीयों को दिए निर्देश में कहा कि सारे अधिकारी पूरी संवेदनशीलता के साथ ऐसे सभी लोगों की पूरी देखभाल करते हुए समूह बना, उनकी स्वास्थ्य जाँच कर एवं अन्य बड़े वाहनों द्वारा उनके गंतव्य तक सुरक्षित पहुंचायें।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि अन्य राज्य के प्रवासियों का भी पूरा ख़्याल रखते हुए उन्हें उनके गृह राज्य के नोडल अफ़सरों से सम्पर्क कर सुरक्षित भेजने का इंतज़ाम करें। झारखण्ड की सीमा में किसी भी श्रमिक को कोई परेशानी ना हो इसका पूरा ध्यान रखना हमारा कर्तव्य है।
सभी ज़िलों के अधिकारी एवं .@jharkhandpolice यह सुनिश्चित करे की – कोई भी व्यक्ति चाहे वो झारखण्ड का हो या दूसरे राज्य का – झारखण्ड में पैदल अपने गंतव्य को ना जाये।
सारे अधिकारी पूरी संवेदनशीलता के साथ ऐसे सभी लोगों की पूरी देखभाल करते हुए समूह बना, उनकी स्वास्थ्य जाँच कर 1/3
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) May 15, 2020
गौरतलब है कि कई राज्यों में प्रवासी मजदूरों के पैदल ही अपने घरो को रवाना होने की मार्मिक तस्वीरें सामने आई हैं। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रवासी मजदूरों के मामले में बड़ा कदम उठाते हुए राज्य के अधिकारीयों और पुलिस विभाग को यह निर्देश जारी किये हैं।