मोदी सरकार को बड़ा झटका: कृषि अध्यादेश के विरोध में केंद्रीय मंत्री का इस्तीफा
नई दिल्ली। मोदी सरकार द्वारा लाये गए कृषि अध्यादेश के विरोध में केंद्रीय मंत्री और अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर ने केबिनेट से इस्तीफा दे दिया है। माना जा रहा है कि कृषि अध्यादेश के मुद्दे पर अकाली दल एनडीए छोड़ने का एलान भी कर सकता है।
हरसिमरत कौर बादल ने ट्वीट कर केबिनेट से अपने इस्तीफे की जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि मैंने किसान विरोधी अध्यादेशों और कानून के विरोध में केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है। किसानों के साथ उनकी बेटी और बहन के रूप में खड़े होने का गर्व है।
इससे पहले अकाली दल ने मोदी सरकार के प्रस्तावित कृषि अध्यादेश को लेकर सरकार से विरोध जताया था। गुरुवार को जब बिल को लोकसभा में पेश किया गया तो शिरोमणि अकाली दल के सांसद सुखबीर सिंह बादल ने विरोध किया। उन्होंने एलान किया कि हरसिमरत कौर बादल मंत्रीपद से इस्तीफा देंगी।
सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि हम इस बिल का विरोध करते हैं। इससे 20 लाख किसानों पर असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद हर राज्य ने अपनी योजना बनाई। पंजाब की सरकार ने पिछले 50 साल खेती को लेकर कई काम किए। पंजाब में किसान खेती को अपना बच्चा समझता है।
वहीँ अधिकांश विपक्षी दल मोदी सरकार के कृषि अध्यादेश के खिलाफ हैं और इसे किसान विरोधी बता रहे हैं। कृषि अध्यादेश को लेकर देश के कई राज्यों में किसान प्रदर्शन कर रहे हैं। हरियाणा, पंजाब सहित कई राज्यों में कृषि अध्यादेश के खिलाफ कई बड़े प्रदर्शन हुए हैं।
दूसरी तरफ सरकार का दावा है कि नए कृषि अध्यादेश से किसानो को लाभ मिलेगा। गुरुवार को कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य विधेयक, 2020 और कृषक कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक, 2020 को लोकसभा में पेश करते हुए कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि ये विधेयक खेती को मुनाफे में लाने वाले, किसानों को आजादी दिलाने वाले हैं। इस विधेयक से किसानों को अपनी उपज किसी भी स्थान से किसी भी व्यक्ति को बेचने का अधिकार होगा।