जम्मू कश्मीर डीडीसी चुनाव: 75 सीटें जीतकर भी बढ़ी बीजेपी की टेंशन
नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर में डीडीसी की 280 सीटों के लिए हुए चुनाव में 75 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनने के बाद भी भारतीय जनता पार्टी टेंशन में हैं। कश्मीर में दखल बढ़ाने के चक्कर में भारतीय जनता जनता पार्टी अपने गढ़ जम्मू में सीटें गंवा बैठी है और यहाँ गुपकार गठबंधन ने बड़ी सेंधमारी कर बीजेपी को ख़ासा डेंट पहुंचाया है।
जानकारों की माने तो डीडीसी चुनाव में कश्मीर घाटी में ज़्यादा सीटें जीतने की कोशिश में बीजेपी को जम्मू में नुकसान उठाना पड़ा है। जम्मू इलाके में डीडीसी की 140 सीटें हैं। जम्मू को बीजेपी के दबदबा वाला इलाका कहा जाता है।
2014 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने जम्मू इलाके की 37 सीटों में से 25 सीटें जीती थीं। इसके बावजूद डीडीसी चुनाव में बीजेपी को जम्मू की 140 सीटों में से 72 सीटों पर ही जीत मिली है। हालांकि उसे कश्मीर में तीन सीटें जीतने में सफलता हासिल हुई है लेकिन दूसरी तरफ गुपकार गठबंधन ने जम्मू में बीजेपी में बड़ी सेंधमारी करते हुए 26 सीटों पर जीत दर्ज की है।
जम्मू इलाके में गैर मुस्लिम मतदाताओं की तादाद अधिक होने के बावजूद भी गुपकार गठबंधन की अगुवाई करने वाले राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला की पार्टी नेशनल कॉफ्रेंस को जम्मू क्षेत्र में 25 सीटों पर जीत मिली है। इसके अलावा एक सीट पीडीपी पाने में कामयाब रही। वहीँ कांग्रेस भी इस क्षेत्र की 17 सीटों पर जीत दर्ज करने में कामयाब रही है।
बीजेपी ने इस बार कश्मीर में अपना खाता अवश्य खोल लिया है और उसे यहां तीन सीटों पर जीत हासिल हुई है। श्रीनगर की खोनमोह-2, यहां से बीजेपी के एजाज हुसैन जीते हैं, बांदीपोरा में एजाज अहमद खान ने जीत हासिल की है जबकि पुलवामा के काकपोरा से मिन्हा लतीफ को जीत मिली है।
जम्मू कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले जम्मू में डीडीसी चुनाव के परिणाम बीजेपी के लिए एक बड़ा झटका भी माने जा रहे हैं। बीजेपी ने डीडीसी चुनाव में पूरी ताकत झौंकी थी। डीडीसी चुनाव बीजेपी के लिए कितने महत्वपूर्ण थे इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि डीडीसी चुनाव में ज़्यादा से ज़्यादा सीटें जीतने के लिए पार्टी ने केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, अनुराग ठाकुर, मुख़्तार अब्बास नकवी के अलावा बीजेपी प्रवक्ता शाहनवाज़ हुसैन को प्रचार के लिए जम्मू कश्मीर भेजा था।