अहमदाबाद में कोरोना की स्थति पर हाईकोर्ट की कड़ी फटकार, कांग्रेस ने पीएम मोदी-शाह को घेरा

अहमदाबाद में कोरोना की स्थति पर हाईकोर्ट की कड़ी फटकार, कांग्रेस ने पीएम मोदी-शाह को घेरा

नई दिल्ली। अहमदाबाद में कोरोना की स्थति को लेकर गुजरात हाईकोर्ट द्वारा की गई टिप्पणी पर कांग्रेस ने पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की घेराबंदी की है।

गौरतलब है कि अहमदाबाद में कोरोना संकट से पैदा हुई स्थति पर सरकारी इंतजामों को लेकर गुजरात हाईकोर्ट ने कहा है कि अहमदाबाद के सिविल अस्पताल की हालत ‘दयनीय’ है और यह अस्पताल ‘कालकोठरी जैसा है, यहां तक कि उससे भी ज्यादा बदतर’। हाई कोर्ट ने राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं की तुलना ‘डूबते हुए टाइटैनिक जहाज’ से की है।

कोरोना वायरस महामारी और लॉकडाउन पर स्थिति का जनहित याचिका के रूप में स्वत: संज्ञान लेते हुए न्यायमूर्ति जे बी परदीवाला और न्यायमूर्ति आई जे वोरा की खंडपीठ ने अहमदाबाद के सिविल अस्पताल की दशा पर राज्य सरकार को खूब खरी खोटी सुनाई और कहा कि यह ‘निराशाजनक और दुखद है।’

कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने पीएम मोदी के गृह प्रदेश गुजरात और गृहमंत्री अमित शाह के संसदीय क्षेत्र अहमदाबाद में कोरोना की स्थिति सबसे बदतर है और यदि इस महामारी के खिलाफ लड़ाई छेड़ने वाले इन दोनों नेताओं के गृह क्षेत्र की यह स्थिति है तो जनता उन पर कैसे भरोसा करेगी कि वे देश को इस महासंकट से निजात दिला सकते हैं।

रविवार को मीडिया से बातचीत करते हुए अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि मोदी-शाह की जोड़ी देश को महामारी से बचाने के लिए आश्वस्त कर रही है लेकिन ये दो बड़े नेता अपने प्रदेश को ही संभालने में असमर्थ साबित हो रहे हैं। अहमदाबाद अमित शाह का संसदीय क्षेत्र है लेकिन इस क्षेत्र में कोरोना संकट बन गया है। इसे लेकर गुजरात हाई कोर्ट की टिप्पणी चौंकाने वाली है। इस तरह कोर्ट की फटकार पहले कभी नहीं सुनी।

सिंघवी ने कहा कि कोर्ट ने अपने 143 पेज के आदेश में कहा है कि गुजरात का अहमदाबाद शहर कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित है, जहां वेंटीलेटर, पीपीई और आईसीयू की गंभीर कमी है। उन्होंने कहा कि कोर्ट ने सिविल अस्पताल को लेकर तीखी टिप्पणी की है। शहर के इस प्रमुख अस्पताल की हालत बहुत खराब है। अहमदाबाद में कोरोना से जो मौत हो रही है, उसमें 62 फीसदी मामले इसी अस्पताल से हैं और कोरोना संक्रमित 85 मामले राज्य में इसी शहर से हैं।

एन-95 मास्क की कीमत में मुनाफा बसूल रही सरकार:

सिंघवी ने राज्य सरकार पर N-95 मास्क की ज्यादा कीमत वसूलना का आरोप लगाते हुए कहा, “एन-95 मास्क को 31% के लाभ पर 65 रुपये में क्यों बेचा जा रहा है? एक तरफ बिना मास्क के निकलने पर भारी जुर्माना लगाते हैं, दूसरी तरफ 49 रुपये के मास्क को 65 रुपये में बेचते हो।” सिंघवी ने आगे कहा कि पूरे देश की जनता इन सवालों के जवाब मांग रही है, गुजरात जवाब मांग रहा है। मगर दुर्भाग्य है कि ये जवाब आने वाला नहीं है।

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